अद्भुत इंजीनियरिंग से उठा जहाज
१४ जुलाई २०१४13 जनवरी 2012 की रात पश्चिमी इटली के पास शांत समंदर में विशालकाय कोस्टा कोन्कोर्डिया धीमे धीमे आगे बढ़ रहा था. 3,229 यात्रियों को पास के द्वीप इसोला देल गिगलियो दिखाने के लिए कप्तान ने जहाज का रास्ता बदल दिया. बस इसके बाद टाइटैनिक जैसा हादसा जीवंत होने लगा. छिछले सागर में जहाज का बायां तल चट्टानों से टकराया और 50 मीटर बड़ा सुराख हो गया. पानी इंजन रूम में घुस गया. विलासिता से भरे जहाज की बिजली बंद हो गई, मोटरें थम गईं और धीरे धीरे वो बायीं तरफ झुकने लगा. अगले कुछ घंटों में जहाज बायीं तरफ पलट गया. समंदर गहरा नहीं था, इस वजह से बड़ा हादसा टल गया, लेकिन फिर भी 32 लोगों की जान चली गई.
हादसे और उसके बाद समंदर की सफाई में जहाज कंपनी कार्निवाल कोऑपरेशन को 1.5 अरब यूरो का नुकसान हुआ है. अब दो साल की कड़ी मेहनत के बाद 290 मीटर लंबे और 247 मीटर चौड़े जहाज को समंदर में सीधा कर दिया गया है. 1,14,500 टन भारी जहाज को सीधा करने के लिए इंजीनियरों ने वॉटर बैलेंसिंग तकनीक का सहारा लिया. सबसे पहले पलटे जहाज के दोनों तरफ मजबूत प्लेटफॉर्म बनाए गए. इसके बाद दाहिने हिस्से में टंकियां टांगी गईं. इन टंकियों में समंदर का पानी भरा गया. करोड़ों लीटर पानी के भार से जहाज धीरे धीरे दाहिनी तरफ झुकना शुरू हुआ.
रविवार को रिपोर्ट आई कि कोस्टा कोन्कोर्डिया अब पूरी तरह सीधा हो चुका है. अब बायीं तरफ भी खाली टंकियां लगा दी गई हैं और दाहिनी तरफ की टंकियों से पानी बाहर किया जा रहा है. इसके बाद दोनों तरफ की 30 टंकियों में हवा भरी जाएगी. उम्मीद है कि खाली टंकियों में भरी हवा की मदद से कोस्टा कोन्कोर्डिया दो मीटर ऊपर उठेगा.
लेकिन इसमें कई चुनौतियां भी हैं. क्षतिग्रस्त जहाज को यार्ड तक पहुंचाने के अभियान के प्रमुख निक स्लोएन कहते हैं, "खतरा यह है कि जहाज उठने के बाद फिर से झुक सकता है या फिर नीचे लगाई गई कड़ियां फिसल सकती हैं."
अगर सब कुछ ठीक हुआ तो बुधवार तक अभियान पूरा हो जाएगा. जहाज को उठाने के बाद क्रैनें 36 स्टील के मोटे तारों और 56 कड़ियों की मदद से उसे खींचेंगी. अगर कोस्टा कोन्कोर्डिया शिप यार्ड तक पहुंचा तो वो उसका आखिरी सफर होगा. सितंबर 2005 को पहली बार पानी पर उतरा कोस्टा कोन्कोर्डिया सितंबर 2014 तक टुकड़ा टुकड़ा हो जाएगा.
ओएसजे/एए (एएफपी, रॉयटर्स)