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अधर में लटके हैं समलैंगिक सैनिक

२ नवम्बर २०१०

एक अमेरिकी अदालत ने कहा है कि सेना में खुले तौर पर समलैंगिक सैनिकों पर प्रतिबंध फिलहाल बना रहेगा. अदालत में इस मुद्दे पर एक और मामले पर फैसले के बाद ही प्रतिबंध को हटाने के बारे में सोचा जा सकेगा.

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तस्वीर: AP

ओबामा सरकार ने 'डोंट आस्क डोंट टेल कानून' के खिलाफ अपील की थी. इस कानून का सीधा सीधा मतलब है, "अगर पूछा न जाए तो किसी को बताने की भी जरूरत नहीं है." इसका संबंध लोगों के समलैंगिक होने या न होने से है.

सोमवार को अदालत के फैसले के मुताबिक खुले तौर पर समलैंगिक कहलाने वाले लोगों पर अमेरिकी सेना में प्रतिबंध तब तक लगा रहेगा जब तक कानून के मामले में फैसला नहीं आ जाता. पिछले महीने एक निचली अमेरिकी अदालत की जज वर्जीनिया फिलिप्स ने इस कानून को लागू करने पर रोक लगाई थी. फिलिप्स के मुताबिक यह कानून अमेरिकी संविधान में दी गई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ है. इससे समलैंगिक पुरुषों और महिलाओं के अधिकारों में भी बाधाएं आ सकती हैं. फिलिप्स के फैसले के बाद अमेरिकी सरकार ने कानून के खिलाफ अपील की.

अदालत बनी अडंगा

जब तक अपीली अदालत कानून के बारे में फैसला लेगी, तब तक महीनों बीत सकते हैं. उधर समलैंगिक अधिकारों की ग्रुप लॉग कैबिन रिपब्लिकंस के वकीलों ने सरकार के खिलाफ प्रतिबंध लगाने पर मामला दर्ज किया है. वे सोच रहे हैं कि मामला सुप्रीम कोर्ट तक ले जाया जाए और 'डोंट आस्क डोंट टेल' पर रोक को हटाने के लिए मामला दर्ज किया जाए.

लेकिन अदालतों के फैसलों की वजह से सरकारी दफ्तरों में काफी परेशानी आई है. जब बैन को आठ दिनों के लिए हटाया गया, तो कई समलैंगिक सैनिकों ने वापस सेना में भर्ती होने की कोशिश की. हालांकि पेंटागन ने पहले ही कह दिया था कि अगर कोई खुले तौर पर खुद को समलैंगिक कहता है और कानून लागू होता है, तो उसे फिर काम से निकाल दिया जाएगा. हालांकि एक दूसरे मामने में एक जज ने अमेरिकी वायुसेना में काम कर रही नर्स को दोबारा वापस काम पर लेने के आदेश दिए थे. नर्स ने अपने आप को समलैंगिक घोषित किया था.

राजनीतिक परेशानीः ओबामा फंसे

राष्ट्रपति ओबामा का कहना है कि वह 'डोंट आस्क डोंट टेल' कानून को खत्म करने के पक्ष में हैं. लेकिन उनके प्रशासन का कहना है कि जब सेना नई नीति अपनाने के लिए तैयार हो जाएगी, तो कानून को अदालत में नहीं बल्कि कांग्रेस में बदलना चाहिए. वहीं अमेरिकी रक्षा मंत्रालय का कहा है कि 17 साल पुराने इस कानून को अगर अदालत के फैसले के बाद तुरंत बदला गया तो इससे सेना और सैनिकों को परेशानी हो सकती है. रक्षा मंत्रालय की बात को ध्यान में रखते हुए तीन जजों के एक पैनल ने फैसला किया है कि अगर सेना में इस तरह से कानून में आ रहे बदलावों को अच्छी तरह से करना होगा. तभी पैनल कानून पर रोक लगाने के पक्ष में है.

ओबामा के लिए यह विवाद बहुत मुश्किल समय पर आया है क्योंकि समलैंगिक समुदाय उनके सबसे बड़े समर्थकों में हैं. विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी समलैंगिकों के खिलाफ है, लेकिन वह हर उस मुद्दे का इस्तेमाल करेगी जो उसे राजनीतिक फायदा दिला सकता है.

सवाल नहीं तो जवाब नहीं

1993 में बिल क्लिंटन ने डोंट आस्क डोंट टेल कानून को लागू किया था. इससे पहले कानूनों के मुताबिक समलैंगिकों को सेना में आने की अनुमति नहीं थी. इस कानून के तहत कोई भी अफसर अपने सैनिक से उसकी यौन प्राथमिकताओं के बारे में नहीं पूछ सकता था. लेकिन अगर सैनिकों की समलैंगिकता किसी तरह सार्वजनिक हो जाती तो उन्हें सेना से बाहर निकालना जायज है. लॉग कैबिंस के मुताबिक लगभग 13,000 लोग इस वजह से सेना से बाहर हो गए हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी

संपादनः ए कुमार

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