अनशन पर आमादा रामदेव, पीएम की अपील ठुकराई
१ जून २०११करिश्माई योग गुरु रामदेव अपने शरीर पर सिर्फ एक भगवा कपड़ा लपेटते हैं और उनके योग प्रशिक्षण से हर साल चार करोड़ डॉलर का राजस्व प्राप्त होता है. लगभग तीन करोड़ लोग हर रोज टेलीविजन पर उनके योग अभ्यास को देखते और करते हैं.
समझा जाता है कि रामदेव के अनशन के दौरान उनके समर्थक उनका साथ देने दिल्ली में जमा हो सकते हैं. इससे पहले अन्ना हजारे ने भी दिल्ली में अनशन किया था, जिसके बाद सरकार लोकपाल विधेयक को आगे बढ़ाने पर तैयार हो गई थी. रामदेव भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कानून और विदेशी बैंकों में जमा काले धन को भारत लाने के अभियान में लगे हैं.
रामदेव ने बुधवार को कहा, "प्रधानमंत्री ने मुझसे अपील की थी कि मैं चार जून से प्रस्तावित अपना अनशन न करूं. लेकिन अपने देश को बचाने के लिए मैं यह जरूर करूंगा." भारत सरकार हाल के दिनों में जबरदस्त घोटालों में फंसी है, जिसमें 176 अरब रुपये का टेलीकॉम घोटाला भी शामिल है.
अन्ना हजारे के बाद रामदेव दूसरी लोकप्रिय शख्सियत हैं, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकपाल विधेयक को लागू करने के लिए अनशन कर रहे हैं. इसके तहत मंत्रियों, जजों और नौकरशाहों के खिलाफ भी कड़े कदम उठाए जाने के प्रावधान होंगे. अप्रैल में 70 साल के हजारे के अनशन के बाद सरकार ने लोकपाल विधेयक की तैयारी के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी न्योता भेजा है और जुलाई से शुरू हो रहे संसद सत्र में इसे पेश किया जा सकता है.
विशाल पंडाल
45 साल के बताए जाने वाले योग गुरु रामदेव दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में ढाई लाख वर्ग फीट में अपना पंडाल तैयार करा रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से कहा है कि वह रामदेव को मनाने की कोशिश करें. मुखर्जी ने कई मौकों पर सरकार की मुश्किलों को दूर किया है.
प्रधानमंत्री का कहना है, "यह किसी का निजी मुद्दा नहीं है. हम सब मानते हैं कि भ्रष्टाचार एक व्यापक समस्या है. हम अपने संसाधनों के आधार पर इससे निपटने के लिए तैयार हैं." सरकार लोकपाल विधेयक के दायरे में प्रधानमंत्री, शीर्ष जजों और सांसदों को शामिल नहीं करना चाहती है और उसका कहना है कि ऐसा करने से सरकारी काम काज पर असर पड़ सकता है. लेकिन समाज के कई तबकों में कहा जा रहा है कि ऐसा करके सरकार साबित करती है कि वह भ्रष्टाचार पर काबू पाने के लिए गंभीर नहीं है.
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में लगातार खाने पीने की चीजों के दाम बढ़ रहे हैं और दूसरी तरफ आए दिन शीर्ष स्तर पर भ्रष्टाचार की खबरें आ रही हैं. ऐसे में पूरे देश में सरकार विरोधी लहर पैदा हो सकती है और उसके बाद बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो सकते हैं.
ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल की सूची में भ्रष्टाचार के मामले में भारत 78वें नंबर पर आता है. प्रतिद्वंद्वी चीन के मुकाबले यह बेहद खराब स्तर है. हाल के दिनों में सरकार पर इसे लेकर बेहद दबाव बढ़ा है. टेलीकॉम घोटाले में पूर्व मंत्री ए राजा और कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजक सुरेश कलमाड़ी भी घोटालों के सिलसिले में जेल में हैं.
रिपोर्टः रॉयटर्स/ए जमाल
संपादनः महेश झा