अफ़गानिस्तान में हवाई हमले पर गहराया विवाद
६ सितम्बर २००९यूरोपीय संघ की परिषद के अध्यक्ष की हैसियत से स्वीडन के विदेश मंत्री कार्ल बिल्ट ने कहा है कि हत्या करते हुए हम यह युद्ध नहीं जीत सकते. स्पेन के प्रधान मंत्री खोसे लुईस ज़ापातेरो ने कहा है कि इस हमले को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता. फ़्रांस के विदेश मंत्री बैर्ना कूषनर ने हमले को भारी ग़लती करार देते हुए कहा है कि बम बरसाने के बदले हमें इन लोगों के साथ सहयोग करना है. यूरोपीय संघ की राय में यह एक दुखद घटना है.
लेकिन जर्मन रक्षा मंत्री फ़्रांत्ज़ योज़ेफ़ युंग ने ऐसी आलोचनाओं को ठुकराते हुए कहा है कि जल्दबाज़ी में की गई ऐसी आलोचना समझ से बाहर है. अब तक कोई ऐसी जानकारी नहीं मिली है कि जर्मन आदेश पर किए गए हवाई हमले में आम लोगों की मौत हुई है. इस सिलसिले में उन्होंने कहा कि जर्मन कमांडर के सामने कोई दूसरा चारा नहीं था. उनके मुताबिक़ कमांडर के सामने हालत यह थी कि तालिबान के लड़ाकों ने दो तेल टैंकरों को अपने कब्ज़े में ले लिया था और जर्मन सैनिक अड्डे के लिए भी एक स्पष्ट खतरा पैदा हो गया था. इसलिए जब यह स्पष्ट हो गया कि अपहर्ता तालिबान के हैं, तो हवाई मदद मांगी गई.
लेकिन विभिन्न सुत्रों से प्राप्त सूचनाएं स्पष्ट कर देती हैं कि हमले में आम लोगों की भी मौत हुई है. स्थानीय निवासी मृतकों की संख्या 120 तक बता रहे हैं. अफ़ग़ानिस्तान में नाटो टुकड़ियों के कमांडर जनरल मैकक्रिस्टल इस बीच कुंदूज़ पहुंचे. अस्पताल में घायलों से मिलने के बाद उन्होंने कहा, "मेरे लिए यह महत्वपूर्ण है कि अफ़ग़ान जनता और सारी दुनिया के लोगों के साथ, जहां तक हो सके, ईमानदारी बरती जाए. ज़ाहिर है कि जांच पूरी होने तक हमें सभी तथ्यों का पता नहीं चलेगा, और मैं अपने बयान के ज़रिये जांच में दखलंदाज़ी नहीं करना चाहता हूं. लेकिन अस्पताल में आज मैने जो कुछ देखा है, उससे स्पष्ट है कि जिन लोगों को वहां नुकसान पहुंचा है, उनमें कुछ असैनिक नागरिक भी शामिल हैं. "
जर्मन विदेश मंत्री व एसपीडी के नेता फ़्रांक वाल्टर श्टाइनमायर ने भी घटना की पूरी जांच की मांग की है. विपक्षी दलों, ख़ासकर वामपंथी पार्टी ने इस घटना की कड़ी आलोचना की है. इस बीच यह भी पता चला है कि युद्धक विमान का पा/लट हर अपहृत टैंकर पर 200 किलोग्राम का बम गिराना चाहता था. जर्मन कमांडर ने आदेश दिया कि 500 पौंड का बम गिराया जाए. इस घटना के बाद कुंदूज़ के समूचे इलाके में क्रोध और क्षोभ का वातावरण छा गया है. जर्मनी के पोट्सडाम के सरकारी अभियोक्ता ने जांच का आदेश दिया है कि ज़िम्मेदार जर्मन कमांडर के ख़िलाफ़ पहली नज़र में अपराध का मामला बनता है या नहीं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ उज्ज्वल भट्टाचार्य
संपादन: सचिन गौड़