अब सिंधु घाटी सभ्यता का नाम सरस्वती नदी सभ्यता होगा?
३ मार्च २०१७बोर्ड का मानना है कि अब चूंकि सरस्वती नदी के अस्तित्व के बारे में पता चल चुका है तो इसलिये ये कदम उठाया जा सकता है. हरियाणा सरकार के वरिष्ठ मंत्री अनिल विज ने कहा कि सिंधु घाटी सभ्यता का नाम बदलकर सरस्वती नदी सभ्यता किया जाना इतिहास को नये सिरे से लिखना नहीं, बल्कि इतिहास को सही करना होगा. उन्होंने कहा कि इतिहासकारों को लगता था कि सरस्वती महज एक मिथक है, जबकि सिंधु नदी उन्हें बहती नजर आती थी इसलिए उन्होंने इसे सिंधु घाटी सभ्यता नाम दिया. विज ने कहा "आज कोई भी सरस्वती नदी को मिथक नहीं कह सकता, यहां तक कि इसरो जैसी विशिष्ट संस्थाओं ने भी इसके अस्तित्व को माना है. हरियाणा के हिसार जिले के राखीगिरी इलाके में इस सभ्यता के अवशेष मिले हैं और इस क्षेत्र में सरस्वती के होने के भी सबूत मिलते है. इसलिए नया नाम सरस्वती नदी सभ्यता रखा जाना चाहिये."
कुछ महीने पहले हरियाणा की भाजपा सरकार ने ऐसा ही एक दावा किया था. सरकार ने कहा था कि पुरातात्विक खुदाई में सरस्वती नदी के अस्तित्व का पता चल चुका है, और सरकार ने खुदाई के स्थल पर पानी भी छोड़ कर नदी की धारा को पहचानने का काम भी किया है.
बोर्ड का तर्क है कि जब विशेषज्ञ ये मान चुके हैं कि सरस्वती नदी एक कल्पित कथा नहीं है और इसका वजूद एक वास्तविकता है तो सिंधु घाटी सभ्यता का नाम बदलकर सरस्वती नदी सभ्यता रखा जाना चाहिए.
इससे पहले हरियाणा सरकार ने दिल्ली से सटे गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम कर चुकी है. हाल में ही हरियाणा सरकार ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में सरस्वती महोत्सव का आयोजन भी किया था.
एए/एके (पीटीआई)