असांज ने अमेरिका से पीछा छोड़ने को कहा
१९ अगस्त २०१२लंदन पुलिस के हाथों गिरफ्तारी के डर से असांज दूतावास से बाहर नहीं निकले और दूतावास की बालकनी से ही अपनी बात कही. ब्रिटेन की पुलिस बलात्कार के आरोपों में पूछताछ के लिए असांज को स्वीडन प्रत्यर्पित करना चाहती है. असांज कहते है कि स्वीडन उन्हें अमेरिका को सौंप देगा, जहां उन्हें फांसी की सजा दिए जाने का डर है. हालांकि अमेरिका का कहना है कि वह इस मामले में शामिल नहीं है. असांज का यह भी कहना है कि विकीलीक्स जैसी संस्थाओं के खिलाफ अमेरिका जंग छेड़े हुए है.
खुद को रूसी संगीतकारों के दल पुसी रॉयट पंक बैंड और न्यू यॉर्क टाइम्स अखबार के समान बताते हुए असांज ने कहा कि अमेरिका दुनिया को ऐसे युग में डालने का जोखिम ले रहा है जिसमें पत्रकारों को दबाया जाएगा. असांज ने उन पर लगे बलात्कार के आरोपों के बारे में कुछ नहीं कहा. भूरी टाई और नीली शर्ट पहने असांज जहां खड़े थे वहां इक्वाडोर का पीला, नीला और लाल झंडा भी लहरा रहा था. असांज ने कहा, "जिस तरह से विकीलीक्स पर खतरा है उसी तरह से अभिव्यक्ति की आजादी को और हमारे समाज की सेहत को भी खतरा है."
करीब 10 मिनट लंबा भाषण असांज ने दुनिया भर के प्रेस रिपोर्टरों को दोनों हाथ का अंगूठा दिखा कर खत्म किया. उन्होंने यह भी कहा, "मैं राष्ट्रपति ओबामा से सही काम करने के लिए कहता हूं, अमेरिका को विकीलीक्स के पीछे पड़ने से बाज आना चाहिए." "भ्रष्ट मीडिया" और अमेरिकी "साम्राज्यवाद" के स्वघोषित दुश्मन इक्वाडोर के राष्ट्रपति रफायल कोरेया ने पिछले हफ्ते असांज को शरण देने का एलान किया. इस एलान से ब्रिटेन और स्वीडन के साथ इक्वाडोर के कूटनीतिक रिश्तों में तनाव गहरा गया है. 41 साल के असांज ब्रिटेन की अदालतों में लगातार प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करते रहे लेकिन जब बात नहीं बनी और अंतिम अपील भी खारिज हो गई तो उन्होंने इक्वाडोर के दूतावास में शरण ली.
असांज को गिरफ्तारी से बचाने के लिए दूतावास की ऊपरी मंजिल में बालकनी का एक दरवाजा निकाल दिया गया और इस तरह से असांज लंबे समय के बाद लोगों से सामने आए. वह पिछले दो महीने से यहां रहे हैं. असांज ने राष्ट्रपति कोरेया और इक्वाडोर के राजनयिकों को धन्यवाद दिया. असांज ने कहा, "सूरज एक दूसरी दुनिया में निकला है और साहसी लैटिन अमेरिकी देश न्याय के साथ खड़ा हुआ है." असांज को देखने के लिए उनके 50 से ज्यादा समर्थक बुधवार रात से ही इक्वाडोर के दूतावास के बाहर जमा हो गए थे. बहुत से लोगों का कहना है कि असांज उनके लिए संघर्ष का जज्बा बन गए हैं.
एनआर/एमजे (रॉयटर्स)