आमेर पर नरमी क्यों दिखाएं: पीसीबी
६ सितम्बर २०१०फिक्सिंग कांड की कड़ी मार 18 साल के बेहद प्रतिभाशाली गेंदबाज मोहम्मद आमेर पर पड़ती दिख रही है. आईसीसी और पूर्व क्रिकेटरों के मुताबिक आमेर अभी युवा हैं, लिहाजा उन्हें एक मौका और देना चाहिए. बाएं हाथ के तेज गेंदबाज को कम सजा देनी चाहिए लेकिन आईसीसी के इस लचीले रुख का टीम मैनेजमेंट पर कोई असर नहीं पड़ा है.
सोमवार को सहायक मैनेजर शफकत राणा ने कहा, ''अगर आमेर युवा हैं तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता.'' इंग्लैंड के खिलाफ दूसरा टी-20 खेलने से पहले सोफिया गार्डन में राणा ने यह बयान दिया. उन्होंने जता दिया कि आमेर को युवा या बच्चा कहकर माफ नहीं किया जा सकता.
इससे पहले आईसीसी ने मैच फिक्सिंग के आरोपी पाकिस्तानी खिलाड़ियों को निलंबित किया था. कप्तान सलमान बट्ट, मोहम्मद आमेर और मोहम्मद आसिफ को बाहर किए जाने का फैसला खुद आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हारून लोगार्ट ने किया. प्रेस कांफ्रेंस में लोगार्ट ने कड़े शब्दों में मैच फिक्सिंग की निंदा की. लेकिन आमेर के लिए उन्होंने नरम भाषा का प्रयोग किया.
लोगार्ट ने कहा कि, ''ईमानदारी से कहूं तो मेरे विचार से ऐसे मामलों में उम्र का ध्यान भी रखा जाना चाहिए.'' इसके जवाब में राणा ने कहा, ''मुझे लगता है कि सभी कानून तोड़ने वालों के साथ एक जैसा बर्ताव होना चाहिए.''
उधर आरोपी खिलाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई की हदें अब बढ़ती जा रही है. पाकिस्तान के इनकम टैक्स विभाग ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है. जांच पर राणा ने कहा, ''मुझे लगता है कि सरकार का यह फैसला अच्छा है. ऐसे मामले खुलने ही चाहिए ताकि खिलाड़ी भविष्य में सतर्क रहें.'' वनडे टीम के कप्तान शाहिद अफरीदी ने भी इनकम टैक्स की जांच का स्वागत किया है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: एन रंजन