आस पास के देशों में ऐसा है महिलाओं का हाल
एशियाई देशों में महिलाओं की स्थिति बीते सालों में सुधरी है. बावजूद इसके अब भी समाज में कई विसंगतियां और परेशानियां बनी हुई है. एक नजर भारत और आसपास के देशों पर.
भारत
अब तक बाजार में दुकानों पर काम करना पुरुषों का काम समझा जाता था, लेकिन अब महिलाएं गैर पारंपरिक क्षेत्रों में काम करने लगी हैं. इसके बावजूद समाज में महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा और अपराध बने हुए हैं. कुछ समय पहले ही भारत में #MeToo कैंपेन शुरू हुआ था. इस कैंपेन में कई प्रभावशाली महिलाओं से लेकर आम औरतों ने अपने साथ हुए यौन शोषण की कहानी बयान की थी.
पाकिस्तान
इस तस्वीर में बीच में बैठी दिख रही महिला पाकिस्तान की पहली महिला कार मैकेनिक, उज्मा नवाज है. पाकिस्तान में महिलाओं को धीरे धीरे पहले से ज्यादा आजादी मिलने लगी है. देश के कराची शहर में औरतों ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2019 के मौके पर #AuratAzadiMarch नारे के साथ रैली निकाली. महिलाएं अब अपने अधिकारों को लेकर काफी जागरुक हुई हैं.
अफगानिस्तान
2001 में अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान में किए गए दखल से लगने लगा था कि देश में महिलाओं की स्थिति बेहतर होगी. लेकिन हाल की राजनीतिक हलचलों को देखकर लगता है कि अफगानिस्तान की सरकार में एक बार फिर तालिबान का दखल हो सकता है. अगर ऐसा होता है तो देश में महिलाओं की स्थिति में शायद ही कोई सुधार हो. शिक्षा से लेकर काम करने के अधिकारों को हासिल करने में उन्हें बहुत मुश्किलें आएंगी.
बांग्लादेश
पिछले दो दशकों से लगातार बांग्लादेश की कमान किसी महिला नेता के पास ही रही है. देश का प्रधानमंत्री पद एक महिला ही संभाल रही है. देश में महिला अधिकारों को लेकर कुछ सुधार तो हुए हैं लेकिन अब भी कार्यस्थल पर उनकी स्थिति बहुत बेहतर नहीं हुई है. साथ ही स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी महिलाएं पिछड़ी हुई हैं.
श्रीलंका
श्रीलंका की महिलाएं अन्य देशों के मुकाबले बेहतर स्थिति में हैं. महिलाओं की सामाजिक स्थिति कुछ हद तक परिवारों की आर्थिक स्थिति पर भी निर्भर करती है. कुछ लड़कियां जल्दी काम करना शुरू कर देती हैं तो वहीं कुछ लंबे समय तक पढ़ती हैं. दक्षिण एशिया में श्रीलंका ही एक ऐसा देश है, जहां की महिलाओं के पास स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी अच्छी सुविधाएं हैं.
ईरान
आज ईरान की महिलाओं की अपनी एक फुटबॉल टीम है. लेकिन अब भी देश की महिलाओं के लिए आजादी और सशक्तिकरण की लड़ाई खत्म नहीं हुई है. हेडस्कार्फ लगाने की प्रथा के खिलाफ खड़ी हुई लड़कियों का समर्थन कर रही एक वकील नसरीन सौतुदेह को ईरान में पांच साल कैद की सजा हुई है. ईरान में महिलाओं के लिए हेडस्कार्फ लगाना अनिवार्य है.
इंडोनेशिया
इंडोनेशिया की महिलाएं हमेशा से आगे रही हैं. समाज की प्रगति में इनका अहम योगदान है. लेकिन अब भी देश में लागू शरिया जैसे धार्मिक कानून उन्हें आगे बढ़ने से रोक देते हैं. देश के आचेह प्रांत में इस्लामिक शरिया कानून लागू है. इसके तहत महिलाओं के लिए हेडस्कार्फ अनिवार्य है. साथ ही वे परिवार के बाहर किसी भी पुरुष से बात भी नहीं कर सकती हैं.
चीन
चीन की आर्थिक वृद्धि ने देश में महिलाओं की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार किया है. लेकिन अब भी समाज में महिलाओं के साथ भेदभाव बरकरार है. इसी भेदभाव के चलते आज चीन का सेक्स अनुपात गड़बड़ा गया है. चीन में भी महिलाओं की स्थिति शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्र में पुरुषों की तुलना में काफी पिछड़ी हुई है. (मानसी गोपालकृष्णन/ एए)