आसियान देशों के लिए होगा एक ही वीजा
१८ मार्च २०११इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आसियान के सचिवालय में काम कर रहे एडी क्रिस्नेडी का कहना है, "आपको बस एक वीजे के लिए अर्जी देनी होगी और फिर आप उस वीजे से आसियान के सारे देशों में यात्रा कर सकते हैं." एशिया के दक्षिण पूर्वी हिस्से में कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर, इंडोनेशिया में बाली, मलेशिया में क्वालालंपुर और वियतनाम और लाओस जैसे देशों में कई अनेक आकर्षण पर्यटकों को लुभाते हैं. 2009 में लगभग सात करोड़ पर्यटक इन देशों में आए. इनमें से सबसे ज्यादा मलेशिया जाते हैं, दूसरे नंबर पर थाइलैंड, फिर सिंगापुर और उसके बाद इंडोनेशिया, वियतनाम, कंबोडिया, लाओस, म्यांमार और ब्रूनेई में सबसे ज्यादा पर्यटक आते हैं.
एक वीजा से फायदा
कई देशों में विदेशी यात्री सीधे हवाई अड्डे पर वीजा लगवा सकते हैं लेकिन कई देशों में काफी सारे फॉर्म भरने पड़ते हैं और पर्यटकों और अधिकारियों का काम बढ़ता है. साथ ही आसियान के सारे देशों में वीजा प्रक्रिया अलग अलग है जो पर्यटकों को दूर भगाती है. थाइलैंड में पर्यटन प्राधिकरण के गवर्नर सुराफोन स्वेताश्रेणी का कहना है कि आसियान वीजे से पूरे इलाके को फायदा होगा. कहते हैं कि फिर पर्यटक एक ही बार में ज्यादा से ज्यादा आसियान देश जाने की कोशिश करेंगे जिससे थाइलैंड फायदे में रहेगा.
मलेशिया में पर्यटन एसोसिएशन के प्रमुख अरुल दास का कहना है कि हर देश की विदेश नीति अलग अलग है और वीजा प्रक्रिया को आसान करने में और एक वीजा लाने में कम से कम पांच साल लगेंगे. साथ ही तकनीक, राजनीतिक मुद्दे, स्वायत्तता और सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठते हैं. पर्यटन में इसके अलावा खाना, पानी और सार्वजनिक टॉयलेट्स के बारे में भी सोचना होगा. विदेशी पर्यटकों के मानकों पर जब तक यह शहर खरे नहीं उतरेंगे तब तक पर्यटक इन शहरों में नहीं आएंगे.
रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी
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