आसियान बैठक आज से थाईलैंड में
१० अप्रैल २००९इस बैठक में कई अहम मुद्दों की चर्चा होगी, जैसे कि विश्वयापी आर्थिक मंदी और सभी देश संरक्षणवादी नीतियों के खिलाफ कड़ा रुख़ अपनाने और व्यापार रोधी नीतियों को हटाने पर ज़्यादा दबाव डालेंगे.
बैठक में चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड को भी पर्यवेक्षक के तौर पर आमंत्रित किया गया है. निर्यात आधारित अर्थव्यवस्थाओं की इस वार्षिक बैठक से काफ़ी उम्मीदें लगाई जा रही हैं.
उत्तर कोरिया ने पिछले हफ्ते एक संचार उपग्रह का लॉंच किया था. कई देशों का मानना था की इस उपग्रह प्रक्षेपण की आड़ में उत्तर कोरिया एक लंबी दूरी की मिसाइल का प्रक्षेपण कर रहा था. आसियान देशों की चिंता में ये मामला भी शामिल है.
चीन के प्रधान मंत्री वेन जियाबाओ इस सप्ताह के अंत तक आसियान देशों के साथ एक निवेश करार कर सकते हैं. काफ़ी लंबे समय से इस निवेश करार की वार्ता चल रही है. इस निवेश करार के लागू होने पर ये अपनी तरह का सबसे बड़ा करार होगा. यह करार एक ऐसा मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाएगा जिसमे की करीब दो अरब लोग होंगे और जिसका सकल राष्ट्रीय उत्पादन कुल मिलाकर 2 खरब डॉलर होगा.
चीन ने नवंबर 2002 में आसियान के 10 देशों से मुक्त व्यापार करार किया था. इस करार के साथ यह भी फ़ैसला किया गया था की इसे 2010 तक एक बड़े करार में बदल दिया जाएगा.
फिलहाल आसयान की जापान और दक्षिण कोरीया के साथ मुक्त व्यापार संधि है और करीब एक महीने पहले इसमे ऑस्ट्रेलिया और न्यूजिलैंड भी जुड़ गये. पूर्वी एशियाई देश धीरे धीरे इस मुक्त व्यापार क्षेत्र को बीजिंग से सिडनी और मनीला से दिल्ली तक बड़ा करना चाहेंगे
आसयान देश, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया मुद्रा विनिमय नेटवर्क को 80 अरब से 120 अरब डॉलर तक बढाने पर भी चर्चा करेंगे. सभी देशों का मानना है की इस विस्तार से वे किसी भी तरह के पूंजी पलायन से निपट सकेंगे. एक दशक पहले एशियाई अर्थव्यवस्थाओं को पूंजी पलायन की वजह से मंदी की मार झेलनी पड़ी थी.
इस बैठक में जलवायु परिवर्तन, उर्जा, खाद्या सुरक्षा और 2004 के सुनामी जैसी प्राकर्तिक आपदाओं से निपटने पर भी चर्चा होगी
रिपोर्ट - पी चौधरी
संपादन - एसपीजे