इंसान की नीचता ने गर्भवती हथिनी की जान ली
२ जून २०२०मालापुरम जिले के वन अधिकारी मोहन कृष्णन की सोशल मीडिया पोस्ट के बाद यह मामला सामने आया है. पोस्ट के मुताबिक जंगली हथिनी खाने की तलाश में जंगल से बाहर निकलकर एक गांव में पहुंची. गांव में घूमते समय उसे कुछ स्थानीय लोगों ने पटाखों से भरा अनानास दिया. गर्भवती हथिनी ने अनानास जैसे ही मुंह में डाला, वैसे ही वह फट पड़ा. हथिनी का मुंह और जीभ बुरी तरह झुलस गए. उसे सदमा भी लगा.
इसके बाद हथिनी कराहते हुए गांव में इधर उधर भागने लगी. वह ठंडे पानी से अपने मुंह की जलन शांत करने लगी. लेकिन बीते बुधवार को उसने नदी में दम तोड़ दिया. हथिनी की तस्वीर के साथ एक भावुक फेसबुक पोस्ट में वन अधिकारी मोहन कृष्णन ने लिखा, "असहनीय दर्द के कारण गांव की गलियों में भागते समय भी उसने एक भी इंसान को नुकसान नहीं पहुंचाया. उसने एक भी घर नहीं रौंदा.”
हथिनी को बचाने की कोशिश करने वाले मोहन कृष्णन के मुताबिक दो हाथियों की मदद से उसे नदी से बाहर निकालने की काफी कोशिशें की गईं. लेकिन वह बाहर नहीं आई. 27 मई की शाम चार बजे उसने नदी में खड़े खड़े दम तोड़ दिया.
मोहन कृष्णन ने कहा, "वह सुयोग्य विदाई की हकदार थी. हम उसे एक लॉरी में जंगल के भीतर ले गए. वहां उसे लकड़ियों में लेटाया गया, उस जमीन पर जहां वो खेलते हुए बड़ी हुई. पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ने मुझे बताया कि वह अकेली नहीं थी. मास्क के बावजूद मैं डॉक्टर के दुख को समझ गया. हमने वहीं उसे जला दिया. हमने उसे प्रणाम किया और अंतिम श्रद्धांजलि दी.”
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