इन तरीकों से होती है मनी लॉन्डरिंग
पनामा फाइल लीक्स के बाद से दुनिया भर के रईसों की पोल एक एक कर खुल रही है. लेकिन आखिर ये लोग अरबों की धनराशि को सरकार से छिपा कर गायब करते कैसे हैं? जानिए, मनी लॉन्डरिंग के कुछ तरीकों के बारे में.
काले धन का निवेश
जिस धन को वैध रूप से दिखाया नहीं जा सकता, आखिर उसका क्या किया जाए? दुनियाभर के अधिकतर धनी लोग इसे या तो स्टॉक एक्सचेंज में लगा देते हैं या फिर किसी तरह के जुए में. अक्सर किसी दूसरे के नाम पर नाइटक्लब या फिर बार भी खरीद लिए जाते हैं. और कहीं दूर बड़ा सा घर खरीदने का विकल्प तो सब जानते ही हैं.
पैसे की मारी दुनिया
सिर्फ माफिया या ड्रग डीलरों को ही काले धन से निपटने की जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि भ्रष्ट नेता और कई अभिनेता भी ऐसा करते हैं. चीन में पाया गया है कि 2002 से 2011 के बीच करीब 1,800 अरब अमेरिकी डॉलर के बराबर धनराशि अवैध रूप से देश के बाहर गयी. इसी दौरान रूस को 880 अरब डॉलर का चपत लगी. पूरी दुनिया की बात करें तो 5,400 अरब डॉलर काला धन है.
कर चोरी के स्वर्ग
इन्हें आम भाषा में टैक्स हेवन कहा जाता है क्योंकि यहां करों की दर बहुत ही कम होती है. पनामा के अलावा हॉन्ग कॉन्ग भी इसके लिए मशहूर है. किसी के भी नाम पर एक नई कंपनी खोल दी जाती है और काला धन उसमें ट्रांसफर कर दिया जाता है. कंपनी का सक्रिय होना जरूरी नहीं है, बस एक नाम चाहिए, एक पता और बैंक अकाउंट.
चीन के जंकेट
मकाऊ के कसीनो में मनी लॉन्डरिंग के लिए एक ट्रिक है. दरअसल चीन में एक बार में 20,000 युआन से अधिक देश से बाहर नहीं ले जाया जा सकता. ऐसे में लोग जुआ खेलने के मकसद से जंकेट को पैसा ट्रांसफर करते हैं. जंकेट इसे कसीनो के सिक्कों में तब्दील कर देता है. जुए में जीती गयी राशि भी इन सिक्कों के रूप में ही मिलती है, जिसे आसानी से हॉन्ग कॉन्ग ले जा कर डॉलर में कन्वर्ट कराया जा सकता है.
स्मर्फ की मदद से
जी नहीं, यहां नीले रंग के कार्टून किरदार की बात नहीं हो रही है, बल्कि स्मर्फ मनी लॉन्डरिंग में बड़ी भूमिका निभाते हैं. इनका काम होता है अपने क्लाइंट की धनराशि को छोटे छोटे टुकड़ों में बांट कर अलग अलग अकाउंटों में जमा कराना. एक व्यक्ति के लिए एक साथ कई स्मर्फ काम कर सकते हैं और क्योंकि राशि धीरे धीरे अलग अलग सूत्रों के जरिये डिपॉजिट होती है, इसलिए कोई शक भी पैदा नहीं होता.
हीरे की चमक
धन काला हो या सफेद, भारत में भी सोने चांदी और हीरे के आभूषण निवेश के मकसद से खरीदे जाते रहे हैं. 2008 की एक रिपोर्ट बताती है कि कैसे स्विस बैंक अक्सर अपने कस्टमर को हीरों में निवेश करने की सलाह देते हैं क्योंकि इन्हें पैसे की तुलना में आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है. हवाई अड्डों पर कई बार टूथपेस्ट की ट्यूब में हीरे छिपा कर तस्करी की जाती है.