इस बार सचमुच इंसान ने ही कुत्तों को काटा है
२ मई २०१८उत्तर प्रदेश के खैराबाद गांव में बीते चार महीनों में 14 बच्चों की मौत कुत्तों के काटने से हुई है. आए दिन कुत्तों के काटने की खबरें अखबारों में छपती है लेकिन प्रशासन या अधिकारियों की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई. मंगलवार को तीन बच्चों की मौत कुत्तों के काटने से हुई. इन सभी बच्चों की उम्र 12 साल से कम थी. ये बच्चे गांव के बाहर एक बाग में आम चुनने गए थे.
जिले के पुलिस प्रमुख सुरेशराव ए कुलकर्णी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बच्चों की मौत की पुष्टि करते हुए बताया, "हमारी जांच टीमों को पता चला है कि जिस वक्त बच्चों पर हमला हुआ उस वक्त वो अकेले थे." उन्होंने जनवरी से लेकर अब तक हुई कई मौतों के बारे में जानकारी दी लेकिन कोई आंकड़ा नहीं दिया. उनका कहना है कि कुत्तों पर नियंत्रण के लिए पशु डॉक्टरों और वन अधिकारियों की एक टीम बनाई गई है.
2001 में पशु कल्याण कानून के तहत आवारा कुत्तों को मारने पर रोक लगा दी गई लेकिन खैराबाद के लोगों ने कम से कम तीन कुत्तों को गोली मार दी जबकि कम से कम 10 दूसरे कुत्तों को पीट पीट कर मार डाला है. अधिकारी कुत्तों के बढ़ते हमलों के पीछे इलाके के बूचड़खाने के बंद होने को वजह बता रहे हैं. बीते साल नवंबर में यह बूचड़खाना बंद कर दिया गया जहां से कुत्तों को जानवरों के बचे खुचे हिस्से खाने को मिल जाते थे.
भारत में अनुमान है कि कम से कम 2 करोड़ आवारा कुत्ते हैं. ये कुत्ते हर साल करीब 1.7 करोड़ लोगों को काटते हैं. हर साल 20 हजार लोग रेबीज की वजह से मर जाते हैं. ये सभी आंकड़े विश्व स्वास्थ्य संगठन के साल 2014 के हैं. हाल के वर्षों में गुस्साए लोगों के कुत्तों पर हमलों की घटनाएं बढ़ गई हैं. पिछले महीने ही दिल्ली में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया जो कुत्तों को पीटा करते थे. ये लोग कुत्तों के भौंकने से नाराज थे. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुआ था.
एनआर/एमजे (एएफपी)