ईयू का 28वां सदस्य क्रोएशिया
१ जुलाई २०१३मुश्किल समय में क्रोएशिया यूरोपीय संघ का सदस्य देश बना है. ईयू अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है और नए देशों को इसमें शामिल करने की उसकी इच्छा भी शून्य पर पहुंच गई है. यूरोपीय संघ के विस्तार प्रभारी श्टेफान फुले ने क्रोएशिया की राजधानी जागरेब में यही बात घुट्टी में पिलाने की कोशिश की कि कुल मिला कर विस्तार में विश्वसनीयता रखने की बात है. 2007 में रुमेनिया और बुल्गेरिया की सदस्यता के साथ इस विश्वसनीयता को काफी नुकसान पहुंचा क्योंकि दोनों देशों में भ्रष्टाचार की समस्या ब्रसेल्स की कल्पना से कहीं ज्यादा थी. उम्मीद की जा रही थी कि सदस्यता के साथ जरूरी बदलाव हो जाएंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं. सदस्य बनने के साथ ही सुधार कार्यक्रम ढीले पड़ गए और पहले ही तरह आज भी शेंगन सीमा में ये नहीं आते.
कड़े नियम
यह गलती क्रोएशिया के साथ नहीं हो इसलिए बहुत ध्यान रखा गया और पैनी नजरों से देखा गया कि जो घोषणाएं की जा रही हैं वो सच में हैं या सिर्फ कागजी हैं. फिर विस्तार मामलों के प्रभारी आयुक्त ने पाया कि क्रोएशिया में सुधार किए जा सकते हैं जो विश्वसनीय और टिकाऊ हों. क्रोएशिया की सदस्यता में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई बड़ी है. क्रोएशिया के राष्ट्रपति इवो योसिपोविच ने इंटरव्यू में डॉयचे वेले को बताया, "हां हमारे सामने भ्रष्टाचार की बड़ी समस्या है. लेकिन कोई राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मंत्री ऐसा नहीं होगा जो इस पहिए को उल्टा घुमा सके."
सर्वव्याप्त संकट
आर्थिक मामलों में देखें तो क्रोएशिया ऐसा देश है जो कई साल से मंदी से जूझ रहा है. लेकिन लंबे समय से ईयू के सदस्य देश रहे कई अन्य देशों को भी इस मुश्किल से जूझना पड़ रहा है. यूरोपीय संघ में आने से क्रोएशिया कोई संपन्न देश नहीं बन जाएगा. प्रधानमंत्री जोरान मिलानोविच कहते हैं, "मुझे पूरा विश्वास है कि क्रोएशिया उन सभी चुनौतियों का सामना कर सकता है जो यूरोपीय संघ का कोई और देश नहीं कर रहा हो. क्रोएशिया दूसरा ऐसा देश है जो पूर्वी यूगोस्लाविया का हिस्सा रहा था. क्या तब की दुश्मनी इस सदस्यता के साथ आएगी. राष्ट्रपति योसिपोविच ऐसा नहीं मानते. सर्बिया के साथ तनाव कम हुआ है. राष्ट्रपति ने कहा है कि वे अपने पड़ोसी देश की ईयू सदस्यता का स्वागत करते हैं. इसलिए सर्बिया के यूरोपीय संघ में आने की संभावना पर कम से कम क्रोएशिया की आपत्ति तो नहीं होगी.
रिपोर्टः क्रिस्टोफ हासेलबाख/एएम
संपादनः मानसी गोपालकृष्णन