"उम्मीद से जल्दी घर लौट सकती है जर्मन टीम"
१९ जून २०१८ब्राजील जैसे वर्ल्ड कप के बाद, एक नए टूर्नामेंट के लिए तैयार होना, दोबारा खिताब की भूख जगाना मुश्किल होता है. जिस खिताब को आप जीत चुके हैं, उसी को फिर से हासिल करने के लिए कुछ भी कर गुजरने का माद्दा पैदा करना मुश्किल होता है. वह भी ऐसे वक्त में जब शुरुआत अच्छी न हो और कुछ चीजें योजना के मुताबिक न हो, ऐसे में आसानी से सिर झुक जाते हैं. इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि मेक्सिको के खिलाफ हमें परेशानी हुई.
यह साफ है कि जर्मनी इस तरह का प्रदर्शन शनिवार को स्वीडन के खिलाफ नहीं दोहरा सकता. कोच योआखिम लोएव के साथ मिलकर टीम को इस बात की समीक्षा करनी ही होगी कि क्या गड़बड़ हुई और उसका समाधान खोजना होगा. अनुभवी खिलाड़ियों को बोलना होगा और युवाओं को जगाना होगा. इसके बिना टीम के लिए वर्ल्ड कप, उम्मीद से कहीं जल्दी खत्म हो जाएगा. स्वीडन के खिलाफ हमें सावधानी से कदम रखने होंगे और अपनी जानी पहचानी फॉर्म को वापस खोजना होगा.
सिर्फ खिलाड़ियों के एटीट्यूड में बदलाव से काम नहीं चलेगा. मेरी राय में, टीम में बदलाव भी फायदा पहुंचाएगा. यूलियान ड्राक्सलर, मेसुत ओएजिल या फिर थोमस मुलर की जगह मार्को रॉयस को शुरू से मौका मिलना चाहिए. मैं शुरू से मारियो गोमेज को भी आगे खेलते देखना चाहूंगा. मेक्सिको के खिलाफ वह थोड़ी ही देर खेले, लेकिन उतनी देर में मारियो ने दिखा दिया कि वह गोलपोस्ट के सामने कितने खतरनाक साबित हो सकते हैं. उनका लंबा अनुभव मुश्किल परिस्थितियों में टीम की मदद कर सकता है. मुझे उम्मीद है कि योगी लोएव के लड़के अपना रास्ता फिर खोज लेंगे और वर्ल्ड कप में काफी आगे तक जाएंगे.
केविन कुरानी डॉयचे वेले के लिए रूस में हो रहे वर्ल्ड कप को कवर कर रहे हैं. डॉयचे वेले के लिए वह कॉलम लिख रहे हैं और जर्मनी के सार्वजनिक प्रसारक एआरडी के लिए टेलिविजन एक्सपर्ट की भूमिका निभा रहे हैं. कुरानी वर्ल्ड कप में शामिल होने वाले तीन देशों जर्मनी, पनामा और ब्राजील का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. ब्राजीलियाई मूल के कुरानी जर्मनी के लिए 52 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं. वह यूरो 2008 का फाइनल खेलने वाली टीम का अहम हिस्सा थे. 2017 में कुरानी ने सक्रिय फुटबॉल को अलविदा कहा.
(31 साल बाद विश्वकप में पहला मैच हारा जर्मनी)