एलियन पर नासा के एलान का इंतजार
२ दिसम्बर २०१०अपनी वेबसाइट पर नासा ने कहा, "गुरुवार को शाम 2 बजे नासा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है. हम धरती से बाहर जीवन के बारे में मिली कुछ जानकारियों पर बात करना चाहते हैं. ये जानकारियां बाहरी अंतरिक्ष में जीवन के सबूतों को प्रभावित कर सकती हैं."
एलियन हैं या नहीं, यह सवाल एक अरसे से पूछा जा रहा है और इसका कोई ठोस जवाब अब तक इंसान के पास नहीं है. लेकिन नासा के इस एलान ने जानकारों के बीच खासी हलचल मचा दी है. ब्लॉग जगत में तो कई कयास लगाए जा रहे हैं. हालांकि नासा ने वेबसाइट पर और कुछ नहीं लिखा है लेकिन लोग इस एलान के कई मायने निकाल रहे हैं. गुरुवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में नासा के एस्ट्रोबायोलॉजी प्रोग्राम की प्रमुख मैरी वोयटेक भी होंगी. इसके अलावा एस्ट्रोबायोलॉजी पर रिसर्च कर रहीं फेलिसा वोल्फ-सिमोन और नासा गे गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर की एस्ट्रोबायोलॉजिस्ट पामेला कॉनराड भी इसमें मौजूद रहेंगी. ये ऐसे नाम हैं जो अंतरिक्ष में जीवन की उत्पत्ति पर लंबे समय से काम कर रहे हैं.
बुधवार को आए एक अध्ययन ने नासा के इस एलान में लोगों की दिलचस्पी को बढ़ा दिया है. इस अध्ययन में बताया गया है कि खगोलविदों ने पहली बार सौरमंडल के बाहर के कुछ ऐसे ग्रहों का पता लगाया है जिनका आकार पृथ्वी से कुछ ही बड़ा है. इन्हें सुपर अर्थ कहा गया है और वैज्ञानिक इनके वातावरण का विश्लेषण करने में कामयाब हो गए हैं.
सौरमंडल के बाहर जीवन खोजने की दिशा में यह जानकारी बेहद अहम है. हार्वर्ड-स्मिथजोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स में पढ़ाने वाले जैकब बीन इस अध्ययन के प्रमुख हैं. बाहरी अंतरिक्ष में जीवन के बारे में वह बताते हैं, "हमने इन शब्दों को अमली जामा पहनाने की ओर बढ़ते हुए एक अहम मील का पत्थर पार कर लिया है."
इस अध्ययन में जीजे 1214बी नाम के ग्रह का जिक्र है जो धरती से 42 प्रकाश वर्ष दूर है. इसकी परिधि धरती से 2.6 गुना ज्यादा है. इसे पिछले साल खोजा गया था. इसके वातावरण के विश्लेषण के बाद वैज्ञानिक एक धुंधली तस्वीर बनाने में कामयाब हो गए हैं. बीन बताते हैं, "हालांकि हम अब भी निश्चित तौर पर नहीं बता सकते कि इसका वातावरण कैसा है लेकिन इतनी दूर स्थित एक संसार के बारे में जानने के हम बहुत करीब हैं." डॉक्टर बीन साफ करते हैं कि यह ग्रह इतना गर्म है कि वहां जीवन का होना संभव नहीं है. लेकिन यह अन्य किसी भी ग्रह के मुकाबले धरती से बेहद मिलता जुलता है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एस गौड़