1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

एशिया प्रशांत बैठक में भारत और चीन आमने सामने

२२ मई २०१७

एशिया प्रशांत के 16 व्यापार मंत्रियों की हनाई में हुई बैठक में चीन समर्थित मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता पूरी करने की तारीख पर मतभेद सामने आए हैं.

https://p.dw.com/p/2dOve
Vietnam - Gipfels des Asiatisch-Pazifischen Wirtschaftsforums Apec in Hanoi
तस्वीर: Getty Images/AFP/Kham

क्षेत्रीय व्यापर आर्थिक भागीदारी आरसीईपी के बनने से 3.5 अरब आबादी वाला मुक्त व्यापार क्षेत्र बनेगा जिसमें आसियान के देशों के अलावा चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल होंगे. आरसीईपी के लिए वार्ताएं 2012 में शुरू हुई थी और अमेरिका द्वारा ट्रांस पैसिफिक पार्टनरशिप समझौते को छोड़े जाने के बाद इसमें तेजी आई है. इसका मुख्य फोकस शुल्क घटाने पर है जिसको लेकर भारत ज्यादा चिंतित है.

एशिया प्रशांत क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रस्तावित क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) समझौते में सोमवार को हुई बातचीत में भारत और चीन के आर्थिक हितों पर आपसी मतभेद उभर कर सामने आ गए.बैठक के दौरान चीन ने कहा कि समझौते को जल्दी से जल्दी लागू करने के लिए आवश्यक है कि इसपर वार्ता प्रक्रिया को इस वर्ष के अंत तक पूरा कर लिया जाए. भारत ने इसका विरोध करते हुए तर्क दिया कि समझौते में सीमा शुल्क जैसे मामले शामिल हैं और इन पर जल्दबाजी में फैसला नहीं होना चाहिए.

बैठक में भारतीय पक्ष का नेतृत्व केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया. भारत का मानना है कि सीमा शुल्क से संबंधित मुद्दों पर नरमी बरतने से भारतीय बाजार को नुकसान होगा और अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय उत्पाद प्रतिस्पर्धी नहीं रहेंगे. भारत इस मुद्दे पर कोई ढील देने के लिए तैयार नहीं है.

एमजे/एके (रॉयटर्स, वार्ता)