ऑनलाइन बने रहने के लिए विकीलीक्स का संघर्ष
४ दिसम्बर २०१०ब्रिटेन के द टाइम्स अखबार ने पुलिस सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि जूलियन असांज को अगले हफ्ते गिरफ्तार किया जा सकता है. स्वीडन में अभियोजन पक्ष के वकीलों ने असांज के खिलाफ नया अंतरराष्ट्रीय वारंट जारी किया है. असांज पर यौन दुराचार के आरोप लगे हैं और ब्रिटेन की पुलिस ने स्वीडन से आरोपों के बारे में और जानकारी मांगी थी जिन्हें मुहैया कराने के बाद नया वारंट जारी किया गया है.
ब्रिटेन में छिपे असांज ने गुप्त ठिकाने से एक ऑनलाइन चैट में हिस्सा लिया और बताया कि मौत की धमकियां मिलने के बाद उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं.
विकीलीक्स ने अमेरिका के करीब ढाई लाख से ज्यादा खुफिया कूटनीतिक संदेशों को सार्वजनिक करने का फैसला किया है जिससे असांज कई देशों की आलोचना का शिकार हुए हैं और उन्हें मौत की धमकियां भी मिल चुकी हैं. अमेरिका उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने पर भी विचार कर रहा है.
विकीलीक्स के लिए मुसीबतें लगातार बढ़ती जा रही हैं. नए घटनाक्रम में अमेरिका स्थित ऑनलाइन भुगतान सेवा पेपाल ने कहा है कि वह विकीलीक्स के लिए अब डोनेशन को स्वीकार करना बंद कर रहा है. विकीलीक्स को वित्तीय मदद पेपाल भुगतान सेवा के जरिए विकीलीक्स तक पहुंचती रही है.
पेपाल की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "पेपाल ने स्थायी तौर पर विकीलीक्स के द्वारा इस्तेमाल होने वाला अकाउंट बंद कर दिया है. ऐसा पेपाल नियमों के उल्लंघन के चलते किया गया है.
हमारी भुगतान सेवा का इस्तेमाल ऐसी गतिविधियों के लिए नहीं किया जा सकता जिससे गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा मिलता हो या लोगों को गैरकानूनी काम करने में मदद मिल रही हो." सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ट्विटर पर भेजे अपने संदेश में विकीलीक्स ने पेपाल के हाथ खींचने की वजह अमेरिकी दबाव बताया है.
इससे पहले वेबसाइट का पता www.wikileaks.org अमेरिकन सर्विस प्रोवाइडर ने बंद कर दिया था जिसके बाद विकीलीक्स को नए डोमेन नेम पर जाना पड़ा. विकीलीक्स का नया पता www.wikileaks.ch है और नए सर्वरों पर यह वेबसाइट काम कर रही है.
विकीलीक्स ने पिछले कुछ दिनों में बड़ी संख्या में अमेरिकी राजदूतों के खुफिया संदेशों को जारी किया है जिससे अमेरिका को दुनिया भर में शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है. इन संदेशों में कई अहम बातों का जिक्र है तो कुछ नेताओं की मजाक भी उड़ाई गई है. अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने इस लीक को दुनिया पर हमला बताया है. अमेरिका अपने मित्र देशों को मनाने में जुटा है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए जमाल