ओबामा के आने से पहले भारत ने मांगा हेडली
१ नवम्बर २०१०आतंकवाद के खिलाफ जंग में दोनों देशों की बढ़ती साझीदारी के बावजूद भारत और अमेरिके के रिश्तों में हेडली का जिक्र बहुत सुखद नहीं रहा है. इस बीच ओबामा के दिल्ली पहुंचने से पहले भारत ने फिर हेडली के प्रत्यर्पण की मांग उठाई है. गृहमंत्री पी चिदंबरम ने हेडली के प्रत्यर्पण के बारे में कहा है, "यह एक विकल्प है और मैं कहता हूं कि हम इसके लिए मांग करते रहेंगे."
भारत के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पिछले हफ्ते कहा था कि अमेरिका ने हेडली के बारे में पहले से जानकारी नहीं दी. इस अधिकारी का कहना है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को इस बात की पहले से जानकारी थी कि हेडली हमलों के सिलसिले में भारत आ चुका है. उधर भारत में अमेरिका के राजदूत टिमोथी रोमर ने इस बात से इंकार किया है कि अमेरिका ने जान बूझकर भारत से कोई जानकारी छिपाई.
इस बारे में गृहमंत्री चिदंबरम ने कहा है कि मुंबई हमलों के एक साल बाद अमेरिका ने डेविड हेडली का नाम लिया.
चिदंबरम ने कहा, "हमले से पहले अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने कुछ जानकारी जरूर दी लेकिन उनमें हेडली के नाम का जिक्र नहीं था." चिदंबरम का यह भी कहना है, "अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने हमले के बाद भी कई सारी जानकारियां मुहैया कराईं और मैं पहले भी कह चुका हूं कि दोनों देशों के बीच खुफिया जानकारियों का लेनदेन बहुत अच्छे से होता रहा है." चिदंबरम के मुताबिक अमेरिकी ने अक्टूबर 2009 में पहली बार डेविड हेडली का जिक्र छेड़ा.
इस साल जून में भारतीय अधिकारियों ने अमेरिका जाकर रिचर्ड हेडली से एक हफ्ते तक पूछताछ की. इस दौरान उन्हें कई अहम जानकारियां मिलीं लेकिन अधिकारी हेडली से और पूछताछ करना चाहते हैं. भारतीय खुफिया एजेंसियों की एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हेडली ने उन्हें बताया कि मुंबई हमलों में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी भी शामिल थी.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः वी कुमार