1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

कमजोर पड़ता इस्लामिक स्टेट भी बड़ा खतरा है

१२ मार्च २०१९

इस्लामिक स्टेट अब अपने कब्जे के आखिरी इलाकों को खोने की कगार पर है. भले ही आईएस की जमीनी सत्ता खिसक रही हो लेकिन दुनिया अब भी इसे एक वैश्विक खतरा मान रही है.

https://p.dw.com/p/3EpnH
Terroristen des sog. islamischen Staates IS Daesh
तस्वीर: picture-alliance/Dabiq

अब जब इस्लामिक स्टेट (आईएस) का नियंत्रण सीरिया और इराक से खत्म हो रहा है तो ये सवाल भी उठने लगे हैं कि आखिर दुनिया को क्या हासिल हुआ?

आईएस का बड़े इलाके में कब्जा उसे अल-कायदा जैसे आतंकवादी संगठनों से अलग बनाता रहा है. साल 2014 में इसने सीरिया और इराक के कई इलाकों को अपने कब्जे में लेकर खिलाफत बनाने की घोषणा कर दुनिया भर के मुसलमानों और मुस्लिम देशों पर संप्रभुता की घोषणा कर दी थी.

कमजोर पड़ता आईएस

आईएस का इलाका अब उससे छूट रहा है. साथ ही इसकी क्षमता नए लड़ाकों को ट्रेनिंग देकर दुनिया भर में भेजने की भी नहीं बची है. अमेरिकी सेनाओं के नेतृत्व में लड़ी जा रही लड़ाई पहले ही आईएस के हजारों लड़ाकों को खत्म कर चुकी है.

Syrien Baghouz Zivilisten fliehen aus letzter IS-Bastion
तस्वीर: Getty Images/AFP/B. Kilic

आईएस की लगातार हार भी उसे वित्तीय रूप से कमजोर कर रही है. आईएस अपने इलाके के लोगों पर टैक्स लगाता था और तेल की बिक्री से उसकी बहुत कमाई होती थी, लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं है. आईएस की बंदिशों और सख्त कानूनों में फंसे लोग भी बाहर निकल रहे हैं.

अब भी खतरा

शुरुआती दौर में आईएस को अल-कायदा की एक शाखा माना जा रहा था. इसी के चलते लंबे समय तक आईएस गुपचुप तरीके से अपनी जमीन तैयार करता रहा और फिर अचानक ताकतवर होकर उभरा. 2017 से हो रही इसकी लगातार हार अब उसे एक बार फिर ऐसे ही गुपचुप तरीकों की ओर मोड़ रही है.

इराक में आईएस की स्लीपर सेल ने अब बड़ी संख्या में अपहरण और हत्याओं को अंजाम देना शुरू कर दिया है. साथ ही इराक सरकार को कमजोर करने की इसकी मुहिम लगातार जारी है. हाल में आईएस ने अमेरिकी नेतृत्व वाली कुर्द सेनाओं पर उत्तर पूर्वी सीरिया में काफी बमबारी की थी. कुर्द और अमेरिकी अधिकारी अब भी आईएस को खतरा मान रहे हैं.

आईएस लड़ाकों का क्या?

आईएस प्रमुख अबु बकर अल बगदादी अब भी एक रहस्य बना हुआ है. अमेरिकी सरकार के विशेषज्ञ मानते हैं कि वह अब भी जिंदा है और इराक में कहीं छिपा है, लेकिन संगठन के अन्य कई बड़े नेता हवाई हमलों में मारे गए हैं. इस्लामिक स्टेट के हजारों लड़ाके और इसे मानने वाले या तो मारे गए हैं या गिरफ्तार कर लिए गए हैं. इसके बावजूद उनकी एक बड़ी संख्या सीरिया और इराक में आजाद है.

BdT Familien fliehen aus dem letzten von ISIS besetzten Dorf in Syrien
तस्वीर: Getty Images/C. McGrath

इराक सरकार बंदी बनाए गए आईएस लड़ाकों पर मुकदमे चला रही है. कैदियों को जेल और मौत की सजा सुना रही है. अमेरिकी समर्थन वाली सीरियाई डेमोक्रेटिक फोर्स (एसडीएफ) ने भी कई सौ लड़ाकों को बंदी बनाया हुआ है. एसडीएफ की कामयाबी के साथ ही इनकी संख्या भी लगातार बढ़ रही है. एसडीएफ के प्रवक्ता के मुताबिक अभी एसडीएफ के कब्जे में करीब चार हजार सीरियाई और इराकी लड़ाकों समेत एक हजार विदेशी लड़ाके हैं.

अब भी है ताकत

ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी एमआई16 ने चेतावनी दी है कि इस्लामिक स्टेट अब और भी बड़ों हमलों के साथ वापसी कर सकता है. कमजोर होता आईएस अब भी विदेशों में कई आतंकवादी हमलों को जिम्मेदारी ले रहा है. अमेरिकी सेना के मुताबिक इस्लामिक स्टेट के पास अब भी इतनी ताकत है कि वह मध्यपूर्व समेत दुनिया के कई इलाकों में हमला करने मे सक्षम है.

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ये गुट फिर अपनी ताकत बटोर कर उभरेगा. अगर बगदादी को पकड़ लिया जाए या मार दिया जाए तो उस स्थिति में क्या होगा. लेकिन खुफिया एजेंसियों को इस बात की संभावना कम ही है कि ये जिहादी संगठन जल्दी ऐसे कैंपेन को खत्म करने वाले हैं. अल कायदा अब भी दुनिया के तमाम देशों में अपनी स्थानीय इकाइयां चला रहा है.

जिहादी विचारधारा बदलती परिस्थितियों के हिसाब से खुद को बदलने में सक्षम साबित हुई है. साथ ही इस्लामिक उग्रवादियों के सामने सामाजिक अन्याय, गरीबी, धार्मिक असहिष्णुता, नफरत, घृणा जैसे मुद्दों के बल पर उग्रवादी सोच को हवा देना आसान ही रहा है.

एए/एनआर (रॉयटर्स)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें