कश्मीर की स्थिति पर सुरक्षा समिति की बैठक
१२ सितम्बर २०१०भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, मंत्रियों और अन्य पार्टी नेताओं से बातचीत करने के बाद ही सोमवार को सुरक्षा समिति की बैठक बुलाने का फैसला किया है. कश्मीर में उपजी स्थिति पर प्रधानमंत्री अपने विकल्पों पर विचार करना चाहते हैं. ऐसी भी अटकलें लग रही हैं कि कश्मीर घाटी के कुछ हिस्सों से सरकार आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर्स एक्ट हटाने की सोच रही है और तीन महीने से घाटी में पसरे तनाव को दूर करने के लिए कुछ कदमों की घोषणा कर सकती है.
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह केंद्र सरकार पर दबाव डाल रहे हैं कि सरकार राज्य के कुछ हिस्सों से यह एक्ट हटाए और राजनीतिक पहल करे. मुख्यमंत्री अब्दुल्लाह का कहना है कि वह केंद्र के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और लोगों में भरोसा बनाए रखने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन उनका कहना है कि अगर हिंसा जारी रहती है तो इस प्रक्रिया में मुश्किलें आएंगी. वहीं हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी नेता मीरवाइज उमर फारूक ने केंद्र से कश्मीर पर नीति बदलने के लिए कहा है. मीरवाइज के मुताबिक आर्म्ड फोर्स एक्ट हटाने जैसे आधे अधूरे कदमों से हालात नहीं सुधरेंगे.
आर्म्ड फोर्स एक्ट के मुद्दे पर सरकार को रक्षा मंत्रालय और सेना के प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है. इस एक्ट के चलते सशस्त्र सेनाओं को कश्मीर में जबरदस्त अधिकार और ताकत मिली हुई है. विपक्षी भारतीय जनता पार्टी भी इस एक्ट को कमजोर किए जाने के सख्त खिलाफ है. कांग्रेस पार्टी में भी इस मामले पर मतभेद बने हुए हैं.
इस बीच मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर में शनिवार को हुई हिंसा और आगजनी के लिए मीरवाइज उमर फारूक को जिम्मेदार ठहराया है. अब्दुल्लाह का कहना है कि लाल चौक तक शांतिपूर्ण मार्च निकाले जाने की इजाजत मांगी गई थी और उन्होंने इसकी अनुमति दी. लेकिन भीड़ हिंसक हो उठी और उसने सरकारी इमारतों को आग लगा दी. पुलिस ने हवाई फायरिंग की. मुख्यमंत्री का कहना है कि इस तरह की घटनाओं से एक नई राजनीतिक शुरुआत के रास्ते में अवरोध आ सकते हैं. कश्मीर में हिंसक प्रदर्शनों में पिछले कुछ महीनों में 65 से ज्यादा जानें जा चुकी हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: वी कुमार