कश्मीर पर पाक संसद के प्रस्ताव से नाराज भारत
२२ सितम्बर २०१०भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि जम्मू कश्मीर के जिस हिस्से पर पाकिस्तान ने "गैरकानूनी रूप से" कब्जा कर रखा है, उसे वहां मानवाधिकारों की रक्षा, संवैधानिक सुरक्षा उपाय, लोकतंत्र की मजबूती के साथ ही चरमपंथ और आंतकवाद से निपटने पर ध्यान देना चाहिए. कश्मीर घाटी में तीन महीनों से जारी भारत विरोधी प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षा बलों की गोली से 100 से ज्यादा लोग मारे गए हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विष्णु प्रकाश ने कहा, "ऐसी खबरें मिली हैं कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली और सीनेट में जम्मू कश्मीर पर प्रस्ताव पास किया गया है. हम इस प्रस्ताव को खारिज करते हैं." विष्णु प्रकाश ने साफ कहा कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली और सीनेट को भारत के अंदरूनी मामले में बोलने का कोई हक नहीं है.
पाकिस्तान की संसद में एक दिन पहले पास किए गए प्रस्ताव में भारत प्रशासित कश्मीर में चल रहे विरोध प्रदर्शनों का समर्थन किया गया है और कश्मीरी जनता के खिलाफ हिंसा की निंदा की गई है. इस प्रस्ताव में अतंरराष्ट्रीय बिरादरी से अपना ध्यान जम्मू कश्मीर में स्थानीय लोगों पर हो रही कथित ज्यादतियों की तरफ ले जाने की अपील की गई है और संयुक्त राष्ट्र से इस प्रस्ताव को लागू करने का आग्रह किया गया है.
इसके जवाब में विष्णु प्रकाश ने कहा है, "भारत सभी मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझाने में यकीन रखता है. पाकिस्तान को अपना वादा पूरा करना चाहिए और अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी भी हाल में भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियो के लिए नहीं होने देना चाहिए." विष्णु प्रकाश ने कहा कि भारत पाकिस्तान समेत अपने सभी पड़ोसियों के साथ अच्छे रिश्ते चाहता और पाकिस्तान को भी ऐसी ही कोशिश करनी चाहिए.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः ए कुमार