किताब में नहीं, रगों में है सचिन का खून
२४ जुलाई २०१०मास्टर ब्लास्टर पर एक विशेष किताब तेंदुलकर के खून से लिखी जा रही है. यह खबर ब्रिटेन के एक अखबार से निकली और भारत पहुंचने तक लगातार बड़ी होती गई. दरअसल, किताब छापने वाली कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी कार्ल फोवलर का हवाला देते हुए ब्रिटेन के कुछ अखबारों ने यह खबर छापी. कहा गया कि तेंदुलकर पर लिखी जा रही किताब की 10 विशेष कॉपियों को सचिन के खून से लिखा गया है.
बस फिर क्या था, ब्रिटेन के अखबारों की खबर भारतीय मीडिया में जंगल की आग की तरह फैली. दो दिन के भीतर तेंदुलकर के खून से लिखी गई किताब पर लाखों खबरें दुनिया भर के टीवी और अखबारों की सुर्खियां बन गईं.
अब सचिन को सामने आना ही पड़ा है. टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार से बातचीत करते हुए सचिन ने कहा, ''किताब लिखने में मेरे खून का इस्तेमाल हो रहा है, इस बात में कोई सच्चाई नहीं है. मुझे गुरुवार को इस खबर की जानकारी मिली क्योंकि मेरा सारा ध्यान टेस्ट मैच पर था.''
अब तक ऐसी खबरें थी कि यह किताब सचिन की आत्मकथा होगी. लेकिन
अफवाहों और अटकलों को खत्म करते हुए तेंदुलकर ने कहा, ''किताब मैं सिर्फ
मेरी तस्वीरें होंगी. यह मेरी जीवनी या आत्मकथा नहीं है.''
किताब का प्रकाशन करने वाली कंपनी ओपस ने भी खून से लिखी गई किताब
का खंडन किया है. सीईओ कार्ल फोवलर ने कहा, ''मेरे बयानों को गलत ढंग से
लिया गया.'' तेंदुलकर पहले ऐसे क्रिकेटर हैं जिन पर ओपस किताब निकाल रही
है. बेहद प्रतिष्ठित मानी जाने वाली ओपस अब तक फेरारी, मैनचेस्टर यूनाइटेड,
डियागो मैराडोना, माइकल जैक्सन और बुर्ज खलीफा पर किताबें निकाल चुकी है.
तेंदुलकर पर तैयार होने वाली किताब फरवरी में आएगी.
रिपोर्ट: एएफपी/ओ सिंह
संपादन: ए कुमार