कॉमनवेल्थ गेम्स पर संसद में हंगामा
३ अगस्त २०१०संसद की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही सांसदों ने कॉमनवेल्थ गेम्स में कथित धांधली के मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया. सांसदों ने सरकार को महंगाई के मुद्दे पर भी निशाने पर लिया और इसकी वजह से कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
इस बीच, कॉमनवेल्थ गेम्स आयोजन समिति के प्रमुख सुरेश कलमाड़ी ने विदेश मंत्री एसएम कृष्णा से मुलाकात की और ब्रिटेन के एक फर्म को फायदा पहुंचाने के आरोपों पर चर्चा की. कलमाड़ी का दावा है कि भारतीय हाई कमीशन की सिफारिश पर ही ब्रिटिश कंपनी को ठेका दिया गया. बताया जाता है कि कलमाड़ी ने अपने दावे को सही साबित करने के लिए हाई कमीशन के किसी क्लर्क स्तर के व्यक्ति का ईमेल दिखाया, जिसमें कहा गया था कि एएम फिल्म्स को सेवाओं का ठेका दिया जाए.
लंदन में भारत के हाई कमीशन ने इन आरोपों से इनकार किया है और यह भी कहा है कि राजू सेबेस्टियन नाम के उस कर्मचारी को ऐसा करने का अधिकार ही नहीं है. कलमाड़ी ने इस मुद्दे पर कृष्णा से बात की. समझा जाता है कि विदेश मंत्री होने के नाते कृष्णा ने हाई कमीशन के पक्ष का समर्थन किया है.
इस बीच, भारत के खेल मंत्रालय ने सुरेश कलमाड़ी पर दबाव बढ़ाते हुए उनसे कहा है कि कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन समिति के दो अफसरों को बर्खास्त कर दिया जाए. खेल मंत्रालय की सचिव सिंधुश्री खुल्लर ने कहा है कि आयोजन समिति के संयुक्त महानिदेशक टीएस दरबारी और उप महानिदेशक डॉक्टर संजय महेंद्रू को पद से हटाया जाए. इन दोनों के नाम इंग्लैंड की कंपनी से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में सामने आ रहे हैं.
एक अगस्त को लिखे पत्र में खुल्लर ने कहा, "जब गेम्स सिर्फ दो महीने दूर हैं, ब्रिटेन का विवाद और दरबारी के खिलाफ कस्टम जांच जैसे मामले सवाल खड़े करते हैं. ये गेम्स की छवि को धक्का पहुंचाते हैं."
दरअसल मंत्रालय ने फरवरी में पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स आयोजन समिति को एक पत्र लिखा था, जब दरबारी के खिलाफ कस्टम जांच हुई थी. लेकिन तब कलमाड़ी ने कहा था कि उनके खिलाफ कुछ साबित नहीं हुआ है.
मीडिया में कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान धांधलियों की खबरें छाई हुई है, जिसमें ब्रिटेन की एक छोटी कंपनी को सेवाओं के लिए बड़ा ठेका देना भी शामिल है. इसके अलावा निर्माण के काम में भी भ्रष्टाचार की खबरें आ रही हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः महेश झा