कोहिनूर हीरे पर किसका हक
ब्रिटिश शाही परिवार ने विश्व प्रसिद्ध कोहिनूर हीरे को लंदन टावर में सार्वजनिक प्रदर्शनी में रखवाया है.
कोहिनूर का घर
105-कैरट का यह हीरा ब्रिटेन के लंदन टावर में दूसरे शाही आभूषणों के साथ प्रदर्शित किया गया है. 1850 में भारत से ब्रिटेन ले जाए गए कोहिनूर हीरे को वापस पाने की भारत की तमाम कोशिशें बेकार साबित हुई हैं. इसे ब्रिटिश राज में महारानी विक्टोरिया को पेश किया गया था जिसे अब ब्रिटिश शाही परिवार ने लंदन टावर में सार्वजनिक प्रदर्शनी में रखवा दिया है.
कोह-ई-नूर का अर्थ
शाब्दिक अर्थ है - प्रकाश का पहाड़. एक जमाने में कोहिनूर दुनिया का सबसे बड़ा 'कट डायमंड' हुआ करता था. यह बेशकीमती हीरा अलग अलग काल में भारत में शासन करने वाले कई वंशों के हाथों में रहा. पंजाब में ब्रितानी शासन स्थापित होने के बाद सन् 1849 में ब्रिटिश गवर्नर जनरल लॉर्ड डलहौजी ने इसे ब्रिटिश महारानी को तोहफे में दिए जाने का प्रबंध किया.
वापसी की जद्दोजहद
माना जाता है कि कोहिनूर हीरे को करीब 800 साल पहले दक्षिण भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में स्थित कोल्लूर खान से निकाला गया था. सबसे पहले यह उस समय शासन कर रहे काकातिया वंश के पास था जिसे उसने एक मंदिर में एक देवी की मूर्ति में आंख की जगह जड़वाया था. फिर तमाम आक्रमणकारियों और शासकों के हाथों से होता हुआ वह सिख शासकों तक पहुंचा.
किसने सौंपा हीरा
सन् 1850 में मात्र 13 साल की उम्र में अंतिम सिख शासक दलीप सिंह को पेंशन देकर ब्रिटेन भेजने की व्यवस्था हुई थी और उन्होंने अपने हाथों से महारानी विक्टोरिया को कोहिनूर भेंट किया था.
कानूनी बाधा
ब्रिटेन ने कोहिनूर हीरा लौटाने की भारत की मांग को यह कह कर हर बार खारिज किया है कि स्थानीय कानून उसे ऐसा करने से रोकते हैं. ब्रिटेन में 1963 में बने ब्रिटिश म्यूजियम एक्ट के तहत राष्ट्रीय संग्रहालयों से वस्तुओं को हटाने की मनाही है. इस कानून में बदलाव किए बिना कोहिनूर लौटाने का रास्ता नहीं खुलेगा.
कानूनी आधार
ब्रिटिश लॉ फर्म ने कोहिनूर को ब्रिटेन से वापस लेने की कानूनी कोशिश करने जा रहे इस समूह का नाम माउंटेन ऑफ लाइट ग्रुप बताया है. उनकी याचिका का आधार वह ब्रिटिश कानून है जिसमें संस्थानों को चुराई या लूटी गई कला को लौटाने का अधिकार मिला है.
समर्थन में कौन
कोहिनूर को लौटाने का अभियान चलाने वाले इस समूह के सदस्यों में कई उद्योगपति, अभिनेता और भूमिका चावला जैसी अभिनेत्री शामिल है. इसके अलावा ब्रिटेन में भारतीय मूल के लेबर पार्टी के सांसद कीथ वाज ने भी प्रमुखता से इस मांग का समर्थन किया था. हाल ही में भारतीय सांसद शशि थरूर के इस मांग को फिर से उठाने के बाद से कोहिनूर फिर चर्चा में है.