क्या जर्मनी में धुर दक्षिणपंथी पार्टी और सीडीयू 'सहयोग' संभव
२४ जुलाई २०२३सोमवार को मेर्त्स ने ट्विटर पर सफाई दी कि उनकी पार्टी क्रिश्चियन डेमोक्रैटिक यूनिट (सीडीयू) और धुर दक्षिणपंथी ऑल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) के बीच किसी तरह का 'सहयोग' नहीं होने जा रहा है. इससे पहले मेर्त्स ने एक इंटरव्यू में कुछ और ही संकेत दिए थे. धुर दक्षिणपंथी दल एएफडी की तरफ लोगों के बढ़ते रुझान देखते हुए, यह ख्याल वाकई खलबली पैदा करने वाला है. एक ताजा राष्ट्रीय सर्वे में पार्टी की लोकप्रियता में इजाफा दिखाई दिया और अप्रूवल रेटिंग 22 फीसदी पर पहुंच गई. यह सीडीयू से महज 4 फीसदी कम है. दूसरी तरफ सत्ताधारी गठबंधन की पार्टियां लोगों की नजर में लगातार पिछड़ती जा रही हैं.
जर्मनी में क्यों परवान चढ़ रही है दक्षिणपंथी विचारधारा
रविवार को राष्ट्रीय प्रसारक जेडडीएफ के साथ बातचीत में मेर्त्स ने कहा कि स्थानीय स्तर पर एएफडी के साथ काम किया जा सकता है. यह चौंकाने वाली बात थी क्योंकि नवंबर 2021 में खुद को पार्टी प्रमुख के उम्मीदवार के तौर पर पेश करते हुए उन्होने कहा था कि सीडीयू और एएफडी के बीच एक फायरवॉल यानी सुरक्षा दीवार है. उन्होंने यह भी कहा था कि किसी ने भी उसे तोड़कर दूसरी तरफ काम करने की कोशिश की तो उसे पार्टी से निकाल दिया जाएगा.
मेर्त्स का विवादित बयान
मेर्त्स के जिस बयान पर हल्ला हो रहा है उसमें उन्होंने कहा कि अगर किसी शहर में एएफडी का मेयर चुनकर आता है तो "यह स्वाभाविक है कि हम किस तरह से मिलकर काम कर सकते हैं, यह सुनिश्चित करना होगा." इस बात पर उनकी पार्टी के भीतर भी और सहयोगी पार्टी क्रिश्चियन सोशल यूनियन की तरफ से भी जबरदस्त विरोध देखने को मिला. एएफडी की लोकप्रियता को नजरअंदाज करना मुमकिन नहीं लेकिन राष्ट्रीय राजनीति में उसे साथ लेकर चलने जैसी बात इससे पहले कभी सुनाई नहीं दी है.
जर्मनी में धुर दक्षिणपंथी संगठन पर राजद्रोह का आरोप
सोमवार को मेर्त्स ने ट्विटर पर यह साफ करने की कोशिश की कि उनका ऐसा कोई इरादा नहीं है. उन्होने लिखा,"मैं एक बार फिर यह साफ कर देना चाहता हूं कि सीडीयू अपने फैसले पर कायम है. सीडीयू और एएफडी के बीच म्यूनिसिपल स्तर पर कोई सहयोग नहीं होगा." मेर्त्स 2021 में पार्टी के अध्यक्ष बने हैं. इसके बाद से ही जर्मनी में एएफडी के बढ़ते असर को ना रोक पाने की वजह से राजनीति में बेचैनी है. मेर्त्स और उनकी पार्टी के दूसरे नेता भी धुर दक्षिणपंथी और शरणार्थी विरोधी विचारों के जरिये एएफडी की जमीन खींचने की कोशिशें करते रहते हैं.
धुर दक्षिणपंथ विचारों से करीबी
राष्ट्रीय सर्वे में एएफडी का तेजी से बढ़ता ग्राफ राजनीतिक हलचल पैदा करेगा, यह स्वाभाविक है. शरणार्थी विरोधी भावनाओं को भड़काकर यह पार्टी अपनी रोटियां सेंकती है. पार्टी के लिए बढ़िया मौका भी है क्योंकि यूक्रेन समेत दूसरे देशों से जर्मनी आने वाले रिफ्यूजियों की संख्या बढ़ती जा रही है. पिछले महीने एएफडी उम्मीदवारों की जीत ने पार्टी के बढ़ते असर को लेकर और भी डर पैदा किया है. एएफडी देश में आर्थिक मंदी, रिफ्यूजी और गैर-परंपरागत ऊर्जा की तरफ मुड़ने से जुड़े जनता के डर को भुना कर अपनी जगह बनाती जा रही है. इससे ज्यादा चिंता की बात यह है कि विपक्ष के पास इसकी काट नहीं है तो वह भी इसी रास्ते से चुनावी फायदा उठाने की कोशिश करता दिखता है.
जर्मनी की धुर दक्षिणपंथी पार्टी के दफ्तरों पर क्यों पड़े छापे
रविवार के इंटरव्यू में मेर्त्स ने अपनी पार्टी के उस प्रस्ताव का समर्थन भी किया जिसमें देश में शरण देने से जुड़े कानूनों पर दोबारा विचार करने की मांग की गई है. मेर्त्स का कहना था कि इसमें कोई शक नहीं कि जर्मनी दुनिया का मददगार देश है लेकिन इस मदद का दुरूपयोग नहीं होना चाहिए. इस वक्त यह दुरुपयोग लाखों बार हो रहा है. प्रवासन के मुद्दे का हल ढूंढा जाए तो इसका एक असर यह भी होगा कि एएफडी फिर से सिकुड़ जाएगी.
एसबी/एनआर (डीपीए, एपी, एफपी)