क्या दक्षिण-पूर्वी एशिया में आई इस बना सकता है अड्डा?
२७ नवम्बर २०१९इस्लामिक स्टेट के मुखिया अबू बकर अल-बगदादी की मौत के बाद ये आतंकवादी समूह अपनी गतिविधियों का अड्डा दक्षिण-पूर्वी एशिया में कहीं स्थानांतरित कर सकता है. मलेशिया के एक मंत्री ने इस बारे में चेतावनी दी है. इस इलाके की तमाम सरकारों ने माना है कि अल-बगदादी के मारे जाने के बावजूद भी जिहादी गुट की विचारधारा को हराने के लिए एक लंबी लड़ाई लड़नी होगी. अल-बगदादी ने अक्तूबर में सीरिया में अमेरिकी स्पेशल फोर्सेज के एक छापे के दौरान खुद को बम से उड़ा दिया था.
मलेशिया के गृह मंत्री मुहयिद्दीन यासीन ने कहा है कि उनका देश विदेश से लौटने वाले लड़ाकों, इंटरनेट के द्वारा कट्टरपंथ को फैलाने के प्रयास और संभावित लोन-वुल्फ हमलों के खतरों के खिलाफ चौकन्ना रहेगा. मुहयिद्दीन ने यह बात थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में आसियान समूह के सदस्य देशों के मंत्रियों की एक बैठक में कही.
मलेशियाई न्यूज एजेंसी बेरनामा के अनुसार मुहयिद्दीन ने कहा, "हमारा मानना है कि अल-बगदादी की मौत से दाएश की आतंकी गतिविधियों में एक नए अध्याय की शुरुआत होगी. सीरिया और इराक में अपने इलाके का एक बड़ा हिस्सा खोने के बाद, उसे अब एक नए अड्डे की तलाश है." दाएश इस्लामिक स्टेट के लिए अरबी भाषा में इस्तेमाल किया जाने वाला नाम है और मलेशिया अक्सर इसी नाम का इस्तेमाल करता है.
देश की पुलिस का निरीक्षण करने वाले मंत्रालय को संभालने वाले मुहयिद्दीन ने कहा कि मलेशिया के अंदर इस्लामिक स्टेट द्वारा आयोजित 25 हमलों को विफल किया जा चुका है और पिछले छह सालों में 512 ऐसे लोगों को हिरासत में लिया गया है जिन पर इस्लामिक स्टेट से जुड़े होने का संदेह है.
मलेशिया में जनवरी 2016 से ही हाई-अलर्ट लागू है, जब इस्लामिक स्टेट से सम्बद्ध बंदूकधारियों ने इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में कई हमले किये थे. इस्लामिक स्टेट ने जून 2016 में कुआलालम्पर के बाहर एक बार पर हुए ग्रेनेड हमले की भी जिम्मेदारी ली थी. ये मलेशिया की धरती पर इस तरह का पहला हमला था और इसमें आठ लोग घायल हुए थे.
सीके/आरपी (रायटर्स)
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