क्या है जर्मनी में तैनात अमेरिकी सैनिकों का आर्थिक गणित
६ जुलाई २०२०अभी भी अमेरिका के करीब 35,000 सैनिक जर्मनी में तैनात हैं. उनकी तैनाती पर अरबों का खर्च होता है. मुख्य भार अमेरिका उठाता है, लेकिन ऐसा नहीं है कि जर्मनी का उस पर कोई खर्च नहीं आता. जर्मनी ने पिछले 10 सालों में अमेरिकी सैनिकों की तैनाती पर करीब 1 अरब यूरो खर्च किया है. ये बात जर्मन वित्त मंत्रालय ने लेफ्ट पार्टी डी लिंके की सांसद ब्रिगिटे फ्राइहोल्ड के सवाल के जवाब में बताई है. इसमें से दो तिहाई यानि करीब 65 करोड़ यूरो निर्माण कार्यों पर खर्च हुआ है तो करीब 33 करोड़ यूरो फॉलो अप खर्च में. इसमें अमेरिकी सेना के पूर्व कर्मचारियों की आर्थिक मदद, अमेरिकी सेना द्वारा किए गए नुकसानों की भरपाई और भूतपूर्व सैनिक अड्डों पर अमेरिकी निवेश को चुकाना शामिल है.
अमेरिका जर्मनी में अपने सैनिकों की तैनाती पर इससे बहुत ज्यादा खर्च करता है. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय का अनुमान है कि 2020 में उसका करीब 7 अरब यूरो का खर्च आएगा. पिछले साल जर्मनी ने अमेरिकी सैनिकों की तैनाती के लिए 13.2 करोड़ यूरो का भुगतान किया था. अमेरिका का खर्च इसका 55 गुना है. दुनिया भर में और कोई अमेरिकी सैनिक अड्डा नहीं है जिसपर अमेरिकी करदाताओं को इससे ज्यादा खर्च करना पड़ता हो. लेकिन अमेरिकी सेना को इसका किसी भी दूसरे अड्डे से ज्यादा फायदा भी होता है.
जर्मनी में अमेरिकी सैनिक अड्डे
फ्रैंकफर्ट के निकट स्थित रामश्टाइन के अड्डे से इराक और अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी सैनिकों की सप्लाई होती है. उसके पास ही लांडस्टूल में अमेरिकी सेना का अमेरिका से बाहर सबसे बड़ा सैनिक अस्पताल है. श्टुटगार्ट में अमेरिकी सेना की यूरोप और अफ्रीका कमान का कमांडो मुख्यालय है तो वीसबाडेन में यूरोप में अमेरिकी सेना का मुख्यालय है. इसके अलावा बवेरिया के ग्राफेनवोर में यूरोप के सबसे बड़े ट्रेनिंग केंद्रों में एक स्थित है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का आरोप है कि जर्मनी प्रतिरक्षा पर बहुत कम खर्च करता है. नाटो ने कुछ साल पहले सदस्य देशों द्वारा रक्षा बजट पर सकल घरेलू उत्पाद का 2 फीसदी खर्च करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन जर्मनी अभी उससे बहुत दूर है. हालांकि पिछले सालों में जर्मनी ने अपना रक्षा बजट लगातार बढ़ाया है, लेकिन 1.38 प्रतिशत के साथ वह 2 प्रतिशत के लक्ष्य से काफी दूर है. अमेरिका अपने रक्षा बजट पर 3.4 प्रतिशत खर्च करता है. ट्रंप का आरोप है कि अमेरिका जर्मनी में अपने सैनिकों की तैनाती पर भारी खर्च करता है जबकि जर्मनी उसका आर्थिक फायदा उठाता है.
अमेरिकी सैनिकों से इतना फायदा
इस मायने में ट्रंप की बात सही है कि जर्मनी में रहने वाले अमेरिकी सैनिक अच्छी तनख्वाह पाते हैं और अपना पैसा जर्मनी में खर्च करते हैं. जर्मनी में तैनात अमेरिकी सैनिकों से होने वाले आर्थिक फायदे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. अगर राइनलैंड पलैटिनेट प्रांत का उदाहरण लें तो वहां जर्मनी में तैनात अमेरिकी सैनिकों का करीब आधा तैनात है. तकरीबन 18,500 सैनिकों के अलावा 12,000 असैनिक कर्मचारी और 25,000 परिजन भी हैं. इसके अलावा करीब 7,200 जर्मन असैनिक कर्मचारियों को वहां नौकरी मिली है.
हालांकि अमेरिकी सैनिकों की तैनाती के आर्थिक असर पर ताजा सर्वे करीब छह साल पुराना है, लेकिन उसे अभी भी इलाके में पैमाना माना जाता है. इस सर्वे के अनुसार अमेरिकी सैनिकों की उपस्थिति से 2.35 अरब डॉलर की आर्थिक शक्ति पैदा होती है, 1.12 अरब तनख्वाह के रूप में जो इलाके में रहता है, 40 करोड़ निर्माण और सर्विस सेक्टर में और 82.4 करोड़ अप्रत्यक्ष रूप में निर्मित रोजगारों के कारण. यही वजह है कि ट्रंप ने 9,500 सैनिकों को जर्मनी से हटाने की अपनी घोषणा को दंडात्मक कदम बताया है.
एमजे/आरपी (डीपीए)
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