क्यूबा को अमेरिका ने 'सरकार समर्थित आतंकवाद' वाला देश माना
१२ जनवरी २०२१अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पेयो ने इस कदम का एलान करते हुए खासतौर से अमेरिकी भगोड़ों को क्यूबा में पनाह मिलने का आरोप लगाया. इसके साथ ही क्यूबा पर कोलंबियाई गुरिल्ला कमांडरों का प्रत्यर्पण करने से इनकार करने और वेनेजुएला में निकोलस मादुरो का समर्थन करने के आरोप भी लगाए. क्यूबा में "सरकार समर्थित आतंकवाद" को लेकर कई सालों से चर्चा होती रही है लेकिन ट्रंप प्रशासन ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिनों में इस पर फैसला लिया है.
क्यूबा को "सरकार समर्थित आतंकवाद" की वजह से काली सूची में पहले भी डाला गया था और इस सूची से बाहर निकालना पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की विदेश नीति की उपलब्धियों में गिना जाता है. तब उपराष्ट्रपति रहे जो बाइडेन ने भी इन कोशिशों का समर्थन किया था. 1959 में फिदेल कास्त्रो के देश का शासन अपने हाथ में लेने के बाद से अमेरिका के साथ क्यूबा के रिश्तों में ठहराव आ गया.
ट्रंप ने ईरान की तरह ही क्यूबा से भी अमेरिका के रिश्तों को ओबामा के दौर में आए बदलाव को वापस करने की बात कही थी. ट्रंप ने क्यूबा के प्रति कड़ा रुख बनाए रखा और कई प्रतिबंध दोबारा लगा दिए. इन प्रतिबंधों को या तो ओबामा प्रशासन ने हटाया या फिर 2015 में क्यूबा से सामान्य कूटनीतिक संबंध बहाल होने के बाद हटाया गया. मादुरो का समर्थन करने के लिए क्यूबा की आलोचना करने के साथ ही ट्रंप प्रशासन का यह भी मानना है कि अमेरिकी राजनयिकों पर कथित सोनिक हमले के पीछे क्यूबा का हाथ हो सकता है. 2016 के आखिर में हवाना में हुए इन हमलों के बाद दर्जनों अमेरिकी राजनयिकों को दिमागी बीमारी हुई थी.
हालांकि अमेरिका के कम ही सहयोगी देश क्यूबा को अब भी अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का समर्थन करने वाला देश मानते हैं. क्यूबा के विदेश मंत्री ब्रूनो रोड्रिग्ज ने अमेरिकी कार्रवाई की निंदा की है. उन्होंने ट्वीटर पर लिखा है, "अमेरिकी राजनीतिक मौकापरस्ती को वो लोग जानते हैं जो ईमानदारी से आतंकवाद के अभिशाप और उसके पीड़ितों के बारे में चिंता करते हैं."
बाइडेन की मुश्किलें बढ़ाने वाला फैसला
अमेरिकी संसद के अंतरराष्ट्रीय मामलों की कमेटी के प्रमुख ग्रेगरी मीक्स का कहना है कि ट्रंप के इस कदम से क्यूबा के लोगों की कोई मदद नहीं होगी और यह सिर्फ बाइडेन प्रशासन के हाथ बांधने के लिए उठाया गया है. मीक्स ने कहा है, "राष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म होने के एक हफ्ते पहले क्यूबा को सरकार समर्थित आतंकवाद का यह दर्जा और खुद अमेरिका की संसद पर घरेलू आतंकी हमले कि लिए लोगों को उकसाना... यही पाखंड है."
हालांकि इस कदम पर क्यूबाई अमेरिकी और वेनेजुएला के निर्वासित खुशी मना रहे हैं. ट्रंप प्रशासन ने क्यूबा से विमानों की आवाजाही, कारोबार और आर्थिक लेनदेन पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. गरीब देश के लोगों के अमेरिका में रहने वाले रिश्तेदार जो उन्हें पैसा भेजते हैं, उस पर अब रोक लग जाएगी. इस पैसे से ही उनका खर्च चलता है. हालांकि नए कदमों का सबसे ज्यादा असर दोनों देशों के राजनयिक रिश्तों पर होगा. ताजा प्रतिबंधों के बाद क्यूबा उत्तर कोरिया, सीरिया और ईरान की कतार में आ गया है जिन्हें अमेरिकी सरकार समर्थित आतंकवाद का दोषी मानती है.
"कोई कानूनी या नैतिक आधार" नहीं
क्यूबा उन अमेरिकी भगोड़ों को अमेरिका के हाथ में सौंपने से लगातार इनकार करता रहा है जिन्हें उसने अपने यहां शरण दे रखी है. इनमें 1970 के दशक का वह काला चरमपंथी भी शामिल है जिसे न्यूजर्सी के सैनिक को मारने का दोषी माना गया. क्यूबा ने राजनीतिक शरण देने के अलावा मुफ्त में घर और स्वास्थ्य सेवाओं के साथ कुछ दूसरी सुविधाएं भी दे रखी हैं. साथ ही वह यह भी दावा करता है कि अमेरिका के पास उन्हें लौटाने की मांग करने का "कोई कानूनी या नैतिक आधार" नहीं है.
हालांकि 2015 में अमेरिका के साथ संबंध बेहतर होने के बाद क्यूबा का मादुरो को मजबूत समर्थन ज्यादा परेशानी पैदा कर रहा है. मादुरो को तानाशाह माना जाता है जिनके कुप्रबंधन ने 50 लाख वेनेजुएलावासियों को सड़कों पर ला खड़ा किया है.
क्यूबा का मादुरे के साथ लंबे समय से सहयोग चला आ रहा है. हालांकि वह वेनेजुएला में 20,000 सैनिकों और खुफिया एजेंटों की मौजूदगी से इनकार करता है. उसका यह भी कहना है कि उसने वहां कोई सुरक्षा अभियान नहीं चलाया है. क्यूबा के अधिकारी यह जरूर कहते हैं कि वो जिसे वैध सरकार मानते हैं, उसके साथ रक्षा और खुफिया सहयोग करने का पूरा अधिकार है. बीते दो दशकों में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ा है. वेनेजुएला अरबों डॉलर का तेल भेज रहा है और उसके बदले में हजारों कामगार हासिल कर रहा है जिनमें स्वास्थ्य कर्मचारी भी शामिल हैं.
मई 2020 में अमेरिकी विदेश विभाग ने क्यूबा को उन देशों की सूची में डाला जो अमेरिका के आतंकवाद रोधी कार्यक्रमों में सहयोग नहीं कर रहे हैं. इसके पीछे विदेश विभाग का कहना था कि कोलंबिया के विद्रोही गुट नेशनल लिबरेशन आर्मी के कई सदस्य क्यूबा में हैं जबकि कोलंबिया की सरकार उनके प्रत्यर्पण की मांग लगातार कर रही है. नेशनल लिबरेशन आर्मी को अमेरिका और कोलंबिया ने आतंकवादी संगठन माना है. क्यूबा इस अनुरोध को खारिज करता है. उसका कहना है कि यह कोलंबिया सरकार के साथ शांति की कोशिशों के लिए जो प्रोटोकॉल तय किए गए हैं उनका उल्लंघन होगा.
एनआर/आईबी (एपी)
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