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खेल खतम, जांच शुरू

१५ अक्टूबर २०१०

सवालिया निशानों को झेलकर दिल्ली के कॉमनवेल्थ गेम्स का भव्य समापन तो हो गया, लेकिन संगठन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी के लिए मुसीबतों का दौर अभी खत्म नहीं हुआ है.

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तस्वीर: UNI

"यह अंत नहीं है. दरअसल यह शुरुआत है." समापन समारोह में हूटिंग के बीच अपना भाषण देते हुए सुरेश कलमाड़ी ने कहा. उनका इशारा इस ओर था कि दिल्ली में इन खेलों के सफल आयोजन के बाद अब भारत के खेल जगत के लिए नई संभावनाएं खुली हैं.

लेकिन कलमाडी के लिए खेलों का समापन मुसीबतों की शुरुआत के तौर पर सामने आ सकता है. पता चला है कि शुक्रवार से ही भारत के कॉम्प्ट्रोलर ऐंड ऑडिटर जनरल खेलों के आयोजन के खर्चों की जांच फिर से शुरु कर सकते हैं. अगस्त में यह जांच शुरू की गई थी, फिर खेलों के सुचारू आयोजन में बाधा न डालने की नीयत से सितंबर में इसे स्थगित कर दिया गया था. कॉम्प्ट्रोलर ऐंड ऑडिटर जनरल की रिपोर्ट जनवरी तक तैयार होनी है और फरवरी में संसद के बजट सत्र के दौरान इसे पेश किया जाएगा.

Jawaharlal Nehru Stadion
हिसाब तो देना पड़ेगातस्वीर: UNI

इस जांच के तहत खर्चों और काम की गुणवत्ता के बीच संतुलन पर नजर डाली जाएगी और साथ ही देखा जाएगा कि कहां कहां हिसाब से बाहर खर्च किए गए हैं. खेलों की तैयारी के दौर में भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद के अलावा महंगे टेंडरों को स्वीकारने के अनेक आरोप सामने आए हैं.

खेलों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था की वजह से भले ही अनेक खिलाड़ियों और दर्शकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा हो, इंटरपोल की ओर से उसकी तारीफ की गई है. अंतर्राष्ट्रीय आंतकवाद विरोधी एजेंसी ने सुरक्षा व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा है कि इंटरपोल के साथ सहयोग के क्षेत्र में भारत में एक नई पराकाष्ठा देखने को मिली है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: ओ सिंह