खेल गांव बनाने वाली कंपनी की गारंटी जब्त
२१ अक्टूबर २०१०प्रवर्तन निदेशालय ने कॉमनवेल्थ खेलों के आयोजन में लगे बड़े अफसरों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. विदेश से धन की आवाजाही के मामले में अनियमितताओं को लेकर निदेशालय जल्दी ही समन जारी कर सकता है. खेल गांव बनाने वाली कंपनी एमार-एमजीएफ भी निदेशालय की जांच के घेरे में है.
कॉमनवेल्थ खेलों में भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं को लेकर हर पहलू पर जांच तेज हो गई है. महालेखापरीक्षक ने सीपीडबल्यूडी और डीडीए के कराए निर्माण से जुड़ी सारी फाइलें जब्त कर ली हैं. एमार-एमजीएफ पर चाबुक चलाते हुए सरकार ने कंपनी की 183 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी को भी जब्त कर लिया है. खेल गांव के निर्माण में बरती गई ढील और अनियमितताओं को देखते हुए इस निजी निर्माण कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.
इस बारे में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने दिल्ली विकास प्राधिकरण को निर्देश दिए. डीडीए ने ही एमार-एमजीएफ को ठेका दिया था. मंगलवार को ही डीडीए ने शहरी विकास मंत्रालय को अपनी अंतरिम जांच रिपोर्ट सौंपी थी. सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट में खेल गांव के निर्माण में लापरवाही और गड़बड़ियों की बात कही गई.
एमार-एमजीएफ ने इस बारे में कहा है कि खेल गांव के बनाने में सर्वोच्च गुणवत्ता और डिजाइन का इस्तेमाल किया गया और इसका स्तर बहुत ऊंचा है. खेल गांव के निर्माण में हर संभव तरीके से बेहतरी की कोशिश की गई. कंपनी ने यह भी कहा कि डीडीए या अन्य किसी भी एजेंसी ने जो भी कमी बताई उसे दूर कर दिया गया था.
उधर प्रवर्तन निदेशालय के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक आयोजन समिति के अधिकारियों को समन जारी किए जा सकते हैं. इन अधिकारियों में महासचिव ललित भनोट भी शामिल हैं. यह मामला लंदन में आयोजित क्वीन बैटन रिले के दौरान हुए पैसे के लेन देन से जुड़ा है. अगस्त महीने में निदेशालय ने आयोजन समिति के बर्खास्त किए जा चुके संयुक्त महानिदेशक टीएस दरबारी से पूछताछ की थी. निलंबित उप महानिदेशक संजय महिंद्रो से भी कई घंटे तक पूछताछ हो चुकी है.
सूत्रों का कहना है कि निदेशालय को हाल ही में मारे गए छापों के दौरान ऐसे दस्तावेज मिले हैं जिनके बारे में वह अधिकारियों से सवाल जवाब करना चाहता है
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ओ सिंह