डकार रैली के आयोजन से सुधरेगी सऊदी अरब की छवि?
२ जनवरी २०२०डकार रैली का आयोजन कर सऊदी अरब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि को सुधारना चाहता है. सऊदी अरब पर अक्सर मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगता आया है. पांच जनवरी से शुरू हो रहे 12 दिवसीय रैली के आयोजकों का मानना है कि उन्हें मोटर रेसिंग की सबसे साहसिक रैलियों में से एक को इस खाड़ी देश में लाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी. हाल के महीनों में इस अति रूढ़िवादी देश ने खेल के क्षेत्र में निवेश बढ़ाया है. अब तक कतर और संयुक्त अरब अमीरात खेल के क्षेत्र में अग्रणी रहे हैं. सऊदी अरब खेलों का इस्तेमाल क्षेत्रीय वर्चस्व के साथ-साथ देश की उदारवादी विचारधारा वाली छवि को दुनिया के सामने पेश करने में भी करना चाहता है.
सऊदी अरब को दुनिया भर में कट्टरपंथी वहाबी विचारधारा के निर्यातक के रूप में देखा जाता रहा है. 2019 में एंथनी जोशुआ और एंडी रुइज के बीच हैवीवेट बॉक्सिंग मैच, फार्मूला ई मोटर रेस और टेनिस प्रदर्शनी टूर्नामेंट का सऊदी आोजन कर चुका है. महिला कुश्ती का भी आयोजन किया जा चुका है जो कि सऊदी में कभी सोच से भी परे थी. दिसंबर में ही क्रिस्टियानो रोनाल्डो की टीम यूवेंटस ने रियाद में इटैलियन सुपर कप मैच खेला था. जनवरी में ही स्पैनिश सुपर कप के मुकाबले में लियोनेल मेसी बार्सिलोना की तरफ से खेलते हुए नजर आने वाले हैं.
लेकिन सबसे बड़ी घटनाओं में से एक प्रतिष्ठित डकार रैली है, जो मोटर रेसिंग की सबसे साहसिक रैलियों में से एक मानी जाती है, यह रैली रविवार से शुरू होकर 17 जनवरी तक चलेगी. दक्षिण अमेरिका में एक दशक से भी ज्यादा रहने के बाद डकार रैली अब अरब प्रायद्वीप में कम से कम पांच साल तक बने रहेगी. सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस बनने के बाद मुहम्मद बिन सलमान ने कई कट्टरपंथी नियमों में ढील दी है. मुहम्मद बिन सलमान खेलों को बढ़ावा देकर सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था की तेल पर निर्भरता कम करना चाहते हैं. सलमान चाहते हैं कि खेलों के बहाने उनके देश में पर्यटकों की आवाजाही बढ़े और अर्थव्यवस्था को भी पर्यटन से मजबूती मिले. लेकिन जिस देश में दो तिहाई आबादी 30 साल के नीचे हो, आलोचकों का कहना है कि खेल के चकाचौंध आयोजन का उद्देश्य आर्थिक मंदी और युवाओं में बेरोजगारी को लेकर जनता की हताशा को कुंद करना है.
मानवाधिकार कार्यकर्ता सऊदी पर "स्पोर्ट्सवॉशिंग" का आरोप लगा रहे हैं, उनका कहना है कि इस तरह के आयोजनों से सऊदी मानवाधिकारों के हनन के आरोपों से खराब छवि को सुधारने की जुगत लगा रहा है.
पत्रकार जमाल खशोगी की 2018 में हत्या, यमन में सऊदी अरब की मध्यस्थता और असहमति पर व्यापक कार्रवाई ने शाही परिवार की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है. साल 2019 में सऊदी अरब ने कम से कम 187 लोगों को मौत की सजा दी, साल 1995 के बाद यह संख्या सबसे अधिक है.
हालांकि सऊदी की महिलाओं को कार चलाने का अधिकार मिल गया है लेकिन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि अधिकारों के लिए लड़नी वाली महिला ड्राइवरों के साथ जेलों में यौन शोषण होता है और उन्हें टॉर्चर किया जाता है. अंतरराष्ट्रीय और सामरिक संबंध संस्थान की रिसर्चर कैरोल गोमेज कहती हैं, "प्रमुख खेल आयोजनों की मेजबानी के लिए यह एक बहुत ही आक्रामक नीति है...सऊदी अरब की बिल्कुल अलग छवि पेश करना." गोमेज कहती हैं शाही परिवार "खेल कूटनीति" का इस्तेमाल कर रहा है जो कि प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान के विजन 2030 का हिस्सा है. सलमान के विजन 2030 के तहत पर्यटन को बढ़ावा देना शामिल है. सऊदी के अधिकारियों का मानना है कि डकार रैली जैसे आयोजनों से पर्यटकों में सऊदी के प्रति रूचि बढ़ेगी. सितंबर में ही सऊदी अरब ने 49 देशों के लिए टूरिस्ट वीजा देने शुरू किया है.
एए/आरपी (एएफपी)
_______________
हमसे जुड़ें: WhatsApp | Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore