गजा से लगी सीमा को मिस्र ने खोला
२८ मई २०११सीमा पर आवाजाही पर रोक हटने के बाद सबसे पहले दो एंबुलेंस गजा से मिस्र गईं जिनमें मरीज थे. इसके अलावा कई अन्य लोगों ने भी मिस्र का रुख किया है. महिलाओं, बच्चों और 40 साल से ज्यादा की उम्र वाले लोगों को बेरोकटोक आने जाने की इजाजत मिल गई है. जिनकी उम्र 18 से 40 साल के बीच है उन्हें परमिट की जरूरत होगी और व्यापार पर पाबंदी बरकरार है.
मिस्र के विदेश मंत्री नबील अल अरबी ने 29 अप्रैल को घोषणा की थी राफाह सीमा को स्थायी रूप से खोल दिया जाएगा. अल अरबी ने जोर देकर कहा कि इससे इस्राएली नाकेबंदी का असर कम करने में मदद मिलेगी.
राफाह सीमा शुक्रवार और अन्य सार्वजनिक अवकाश के दिनों को छोड़ कर सुबह 9 बजे से शाम 9 बजे तक खुली रहेगी. गजा से लगने वाली यह एकमात्र सीमा है जिसका नियंत्रण इस्राएल के हाथों में नहीं है. पूर्व राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक के सत्ता से हटने के बाद मिस्र की सैन्य परिषद राफाह पर मिस्र की पकड़ को ढीला करने का फैसला किया. इससे पहले सीमा को मानवीय जरूरतों के मद्देनजर अपवादस्वरुप ही खोला गया. 2010 में रेडक्रॉस संस्था ने कहा कि यह नाकेबंदी अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का खुला उल्लंघन है.
हुस्नी मुबारक सरकार पर इस्राएली नाकेबंदी करने का समर्थन करने के आरोप लगे और उन्होंने भी राफाह सीमा पर लगी पकड़ को ढीली करने से इनकार किया. मुबारक ने अपनी दलील में कहा कि वह आतंकवाद से लड़ रहे हैं और तस्करी को रोक रहे हैं. गजा और मिस्र के बीच हथियारों और अन्य सामान की तस्करी के लिए फलीस्तीनियों पर आरोप हैं कि उन्होंने कई सुरंगें खोदी हुई हैं.
2006 में इस्राएल के एक सैनिक को अगवा कर लिया गया जिसके बाद गजा पट्टी की नाकेबंदी कर दी गई. 2007 में गजा पर चरमपंथी गुट हमास का नियंत्रण होने के बाद इस नाकेबंदी को और कड़ा कर दिया गया. इस्राएल ने कहा है कि सीमा खुलने के बाद मिस्र से हथियारों की तस्करी गजा तक होने की आशंका है लेकिन मिस्र ने भरोसा दिया है कि सीमा पार करने वाले लोगों की कड़ी तलाशी ली जाएगी. जो लोग सीमा पार करेंगे उन्हें अपने साथ परिचय पत्र रखना होगा जिन्हें इस्राएल ने जारी किया है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: उभ