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'गांधी' आए वापस भारत

२४ फ़रवरी २०१०

रिचर्ड एटनबोरो की ऐतिहासिक फ़िल्म में गांधी का किरदार निभाने वाले बेन किंग्सले 30 साल बाद एक भारतीय फ़िल्म में दिखेंगे. शुक्रवार को रिलीज़ हो रही 'तीन पत्ती' में किंग्स्ले के साथ बिग बी दिखेंगे.

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इस बार बर्लिनाले में भी दिखे बेन किंग्सलेतस्वीर: DW

किंग्स्ले के बारे में अमिताभ बच्चन का कहना है कि वे एक बेहद अच्छे इंसान हैं और एक शानदार अदाकार भी. 66 साल के किंग्स्ले 'तीन पत्ती' में पर्सी त्राख्टेनबर्ग नाम के गणित के एक महारथी की भूमिका अदा कर रहे हैं. फ़िल्म में बिग बी एक भारतीय शिक्षाविद् वेंकट से मिलते हैं जो उन्हें प्रॉबेबिलिटी को लेकर अपने सिद्धांतों और एक नई खोज से अवगत कराते हैं. मुंबई के ग़ैर क़ानूनी जुआं अड्डे भी फ़िल्म का एक हिस्सा हैं.

फ़िल्म की निर्देशक लीना यादव कहती हैं कि फ़िल्म में किंग्स्ले का किरदार बहुत अहम है. वह बताती हैं, "मुझे एक अंतरराष्ट्रीय स्टार की ज़रूरत थी जो पर्सी की भूमिका निभाए और सर बेन किंग्स्ले के अलावा ऐसा कोई भी नहीं था जो इस भूमिका के साथ न्याय कर सकता. मैं खुश हूं कि वह इसके लिए तैयार हुए."

किंग्स्ले को ब्रिटेन की सरकार ने 2002 में नाइट की उपाधि दी थी. 1982 में रिचर्ड एटेनबोरो की मशहूर फ़िल्म में 'गांधी' में मुख्य किरदार अदा करने के बाद किंग्स्ले भारत के घर घर में जाने जाने लगे. इसके बाद उन्होंने नाज़ी जर्मनी पर आधारित स्टीवन स्पीलबर्ग की फ़िल्म 'शिंडलर्स लिस्ट' में भी काम किया है.

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हॉलीवुड के चुनिंदा नामों में से एक हैं किंग्स्लेतस्वीर: Concorde Filmverleih 2009/Andrew Cooper SMPS

किंग्स्ले भारतीय मूल के पिता और ब्रिटिश मूल की मां की संतान हैं. उन्होंने कहा कि भारत के लिए उनका प्यार अब भी उतना ही गहरा है जितना पहले था. पिछले साल भारत में अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव के दौरान उन्होंने 'गांधी' फ़िल्म में अपनी भूमिका के बारे में कहा था, "गांधी मेरे लिए एक पहचान है. वह मेरी हड्डियों तक में एक कभी न मिटने वाला अनोखा निशान है."

किंग्स्ले पहली बार किसी भारतीय फ़िल्म में दिखेंगे लेकिन लगता है कि उन्होंने भारत में रहने का मन बना लिया है. 'तीन पत्ती' के बाद किंग्स्ले 'ताज' नाम के एक फ़िल्म में शाहजहां का रोल कर रहे हैं. माना जाता है कि भारतीय फ़िल्मों को लेकर विदेश में दिलचस्पी और विदेशी कंपनियों की भारत में रुचि को बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय कलाकारों को भारतीय फिल्मों में लिया जा रहा है. ऐसे में भारतीय फ़िल्मों के लिए बेन किंगस्ले से अच्छा और कौन हो सकता है.

रिपोर्टः एएफ़पी/ एम गोपालकृष्णन

संपादनः ए कुमार