1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

ग्रीस की रेटिंग 'जंक' हुई, बाज़ारों में गिरावट

२८ अप्रैल २०१०

स्टैंडर्ड एंड पूअर एजेंसी के ग्रीस की क्रेडिट रेटिंग गिराने के बाद दुनिया भर के वित्तीय बाज़ारों में गिरावट देखी गई है. ग्रीस के साथ साथ पुर्तगाल की भी रेटिंग गिरी, वित्तीय संकट की चपेट में अन्य देशों के आने की आशंका.

https://p.dw.com/p/N8Im
मदद की दरकारतस्वीर: DW-Montage/bilderbox.de

स्टैंडर्ड एंड पूअर एजेंसी ने ग्रीस की क्रेडिट रेटिंग घटा कर जंक (बहुत बहुत ख़राब) कर दी है जिसके ज़रिए ग्रीस में निवेश करना अब ख़तरे का सौदा बताया जा रहा है. ग्रीस यूरो ज़ोन में पहला ऐसा देश बन गया है जिसकी क्रेडिट रेटिंग घटा कर 'जंक' कर दी गई है. पुर्तगाल की भी रेटिंग घटाई गई है यानी यूरोपीय संघ के अन्य देशों में भी वित्तीय संकट फैलने की आशंका गहरा गई है. इसके चलते अमेरिका और यूरोप के शेयर बाज़ारों में गिरावट का माहौल है.

स्टैंडर्ड एंड पूअर के इस फ़ैसले के बाद फ़्रैंकफ़र्ट में जर्मन शेयर सूचकांक 2.7 फ़ीसदी गिरा है तो लंदन और पेरिस में सूचकांकों में 2.6 और 3.8 फ़ीसदी की गिरावट देखी गई है. पुर्तगाल में शेयर बाज़ार ने 5 प्रतिशत का झटका खाया है तो न्यू यॉर्क में डाउ जोंस में दो फ़ीसदी की गिरावट आई है.

NO FLASH Symbolbild Griechenland Finanzen
तस्वीर: picture alliance / dpa/ DW-Montage

यूरो मुद्रा भी कमज़ोर होने के रास्ते पर है और डॉलर के मुक़ाबले उसका मूल्य घट कर 1.32 हो गया है. ग्रीस की वित्तीय मुश्किलों को देखते हुए जर्मनी ने भरोसा दिलाया है कि ग्रीस की हर हाल में मदद की जाएगी और संकेत मिल रहा है कि ग्रीस को दिए जाने वाले राहत पैकेज को बढ़ाया जा सकता है. यूरो ज़ोन देशों की सरकारों और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने ग्रीस को 45 अरब यूरो की राशि की सहायता की पेशकश की है, लेकिन उसकी शर्तों पर बातचीत चल रही है.

ग्रीस अगर शीघ्र इस पैकेज को पाने में विफल रहता है तो दूसरी देनदारियों को चुकाने में उसके विफल होने का डर है. जब रेटिंग एजेंसी किसी देश की क्रेडिट रेटिंग घटाती हैं तो उसका मतलब होता है कि उस देश में निवेश करना अब ख़तरे का सौदा हो गया. इस रेटिंग के विभिन्न स्तर होता है और ग्रीस बेहद ख़तरनाक स्तर 'जंक' पर पहुंच गया है.

NO FLASH Griechenland Finanzkrise Demonstrationen
तस्वीर: picture alliance / dpa

ग्रीस के लिए कर्ज़ लेना अब बेहद मुश्किल हो जाएगा क्योंकि उसके लिए ग्रीस को बहुत ज़्यादा ब्याज़ चुकाना होगा और वह फ़िलहाल ऐसा करने की स्थिति में नहीं है. इसी के चलते ग्रीस यूरो ज़ोन के देशों और आईएमएफ़ से सस्ती दर पर कर्ज़ चाहता है.

ग्रीस को 19 मई तक 9 अरब यूरो की रकम चुकानी है लेकिन उसका कहना है कि बहुत ज़्यादा ब्याज़ दर होने के चलते बाज़ार से धन उठाने में उसे मुश्किल हो रही है. माना जाता है कि ग्रीस पर 300 अरब यूरो का कर्ज़ है. बुधवार को बर्लिन में जर्मन सरकार, मुद्रा कोष और यूरोपीय केंद्रीय बैंक के प्रतिनिधियों में अहम बैठक हो रही है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: महेश झा