चारु 2006 से पत्रकारिता में हैं और इस दौरान टीवी और वेब पत्रकारिता के क्षेत्रों में कई मीडिया कंपनियों के लिए काम कर चुके हैं. वो 2019 से डॉयचे वेले के साथ हैं और भारत से जुड़ी सभी बड़ी घटनाओं के जटिल से जटिल पहलुओं को पाठकों के सामने लाने की कोशिश में लगे रहते हैं.
लेख लिखने और वीडियो बनाने के अलावा उन्हें युवा पत्रकारों का मार्गदर्शन करना भी अच्छा लगता है. वो डीडब्ल्यू अकादमी के लिए पत्रकारों को कैमरे के सामने बोलने की ट्रेनिंग भी देते हैं.
चारु का मानना है कि जनहित पत्रकारिता की पहली कसौटी है और हर पत्रकार को किसी भी स्टोरी पर काम करते समय जनहित को अपना ध्रुव तारा मान कर चलना चाहिए. निजी जीवन में चारु को यात्रा करना अच्छा लगता है. साथ ही, उनकी फिल्में देखने में, किताबें पढ़ने में और संगीत सुनने और सुनाने में भी रुचि है.