चीन और अमेरिका का इम्तिहान लेता हुवावेई विवाद
२९ जनवरी २०१९अमेरिका में दुनिया की दूसरी बड़ी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी हुवावेई के खिलाफ बैंक धोखाधड़ी, न्याय में बाधा डालने और तकनीक की चोरी के आरोप दर्ज किए गए हैं. चीनी कंपनी पर लगाए गए ये आरोप चीन और अमेरिका के बीच जारी तनाव को और ज्यादा बढ़ा सकते हैं.
एक दिसंबर 2018 को कनाडा में हुवावेई के संस्थापक की बेटी और कंपनी की चीफ फाइनेंशियल अफसर मेंग वॉजाल को गिरफ्तार किया गया. बाद में मेंग को जमानत पर रिहा किया गया लेकिन उनका पासपोर्ट जब्त है और वह 24 घंटे इलेक्ट्रॉनिक ट्रैकिंग के साथ कनाडा में एक किस्म से नजरबंद हैं.
अमेरिकी अधिकारी मेंग को कनाडा से प्रत्यर्पित कर अमेरिका लाना चाहते हैं. इसके लिए आवेदन प्रक्रिया चल रही है. चीन कनाडा से मेंग को छोड़ने की अपील कर चुका है. लेकिन जनवरी 2019 में चीन की एक अदालत ने कनाडाई नागरिक रॉबर्ट लॉयन शेलेनबर्ग को मौत की सजा सुनाकर मामले को और जटिल बना दिया.
शेनबर्ग को 2014 में चीन में ड्रग्स तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया. उन्हें 15 साल की सजा सुनाई गई. लेकिन हुवावेई अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद में चीन की अदालत ने कैद को मौत की सजा में तब्दील कर दिया गया. कनाडा का आरोप है कि यह बदले की कार्रवाई के तहत किया गया. कनाडा ने अपने नागरिकों से चीन में बेहद सतर्क रहने को भी कहा है.
अब अमेरिकी अभियोजन पक्ष ने हुवावेई पर अमेरिका और एक वैश्विक बैंक को गुमराह करने के आरोप लगाए हैं. आरोपों के मुताबिक चीनी कंपनी ने हुवावेई डिवाइस यूएसए और स्काईकॉम टेक के ईरान के साथ कारोबारी रिश्तों की बात छुपाई. ट्रंप प्रशासन ने परमाणु कार्यक्रम के चलते ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगा रखे हैं.
हुवावेई पर टी-मोबाइल की स्मार्टफोन ड्यूरेबिलिटी टेस्ट तकनीक चुराने का आरोप लगया है. साथ ही धांधली और न्याय में बाधा डालने की धाराएं भी लगाई गई हैं.
हुवावेई का कहना है कि वह टी-मोबाइल के साथ सिविल विवाद को 2014 में निपटा चुकी है. हुवावेई के बयान में कहा गया है कि कारोबारी सीक्रेट्स चुराने के आरोप सिविल मुकदमे के तहत आते हैं, जिसमें ज्यूरी को "कोई नुकसान और जानबूझ कर की गई कोई विद्वेषपूर्ण कार्रवाई" नहीं मिली.
इस पूरे विवाद में चीन सरकार भी बेहद सक्रिय है. वह कनाडा और अमेरिका पर दबाव बनाकर मेंग वॉजाल को रिहा कराने की कोशिश कर रही है. इस बीच चीन के विदेश मंत्रालय ने वॉशिंगटन से मेंग वॉजाल के प्रत्यर्पण की अपील वापस लेने की मांग की है. बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआन ने कहा, "हम अमेरिका से मिस मेंग के खिलाफ जारी किए गए अरेस्ट वॉरंट और इस तरह के प्रत्यपर्ण की अपील तुरंत वापस लेने की मांग करते हैं."
कारोबारी युद्ध के चलते अमेरिका और चीन के रिश्ते 2018 से तनाव में हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीन से आने वाले 250 अरब डॉलर के प्रोडक्ट्स पर आयात शुल्क बढ़ा दिया. इसके जबाव में चीन ने भी 110 डॉलर के अमेरिकी प्रोडक्ट्स को निशाना बनाया. कारोबारी युद्ध का असर अब चीन की अर्थव्यवस्था पर भी दिखाई पड़ रहा है. 30 साल बाद चीन का आर्थिक विकास सबसे निचले स्तर पर जाता दिख रहा है.
(अमेरिका और चीन के कारोबारी युद्ध का ऐसा होगा असर )
ओएसजे/आईबी (एपी, रॉयटर्स)