चीन की मदद से पाकिस्तान में सर्कुलर रेलवे
बीस साल पहले बंद हो चुके कराची सर्कुलर रेलवे को दोबारा खोलने के लिए पाकिस्तान प्रशासन चीन की मदद ले रहा है. चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के नाम पर चीन इस प्रोजेक्ट में अपने 1.7 अरब यूरो लगा रहा है.
रुक गया था संपर्क
सन 1999 तक कराची सर्कुलर रेलवे का सार्वजनिक परिवहन तंत्र दक्षिणी पोर्ट सिटी के उपनगरीय इलाके को बाकी औद्योगिक और आर्थिक क्षेत्रों से जोड़ता था. दो करोड़ की आबादी के साथ पाकिस्तान के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले शहर कराची में सार्वजनिक परिवहन की कोई व्यवस्था नहीं है.
अस्त व्यस्त और प्रदूषित
एक बार प्रोजेक्ट पूरा हो जाने पर फिलहाल ऐसी धूल धुसरित और अस्त व्यस्त सी दिखने वाली सड़कों की शक्ल बदल जाएगी. इससे शहर के अव्यवस्थित यातायात और भीषण वायु प्रदूषण को काबू में करने में मदद मिलने की उम्मीद है.
पटरियों पर बसेरा
पटरियां गवाही देती हैं कि कुल 43 किलोमीटर लंबे सर्कुलर रेलवे का बड़ा हिस्सा अब भी मौजूद है. हालांकि इसके बंद होने के बाद से पटरियों के ऊपर और आसपास लोगों ने रहने के लिए बस्ती बना ली.
गिराया और फिर बनाया जाएगा
आधिकारिक आंकड़ों की मानें तो इस रूट पर करीब 5,000 घर बने हैं. कराची रेलवे की पटरियों पर लगभग 7,000 ऐसे रिहाइशी ढांचे भी हैं जिन्हें ध्वस्त करना पड़ेगा. इसमें दिक्कतें तो आएंगी ही लेकिन फिर भी इसी साल इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने की योजना है.
निवासियों को है प्रोजेक्ट पर आपत्ति
अप्रैल 2017 में यहां के निवासियों ने इस प्रोजेक्ट के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन किये. झुग्गियों को खाली कराने के सरकार के प्रयासों का यहां कड़ा विरोध हुआ. लंबे समय से रेलवे पटरी के पास रह रहे लोगों की पुलिस के साथ झड़प हुई और उन्होंने बुलडोजरों को आग लगा दी.
'नये सिल्क रोड' का हिस्सा
कराची का नया रेलवे रूट असल में चीन के नये सिल्क रोड का हिस्सा है. इसके लिए धन भी बीजिंग के कई अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे प्रोजेक्ट के मद से आ रहा है. (रोडियॉन एबिगहाउसेन/आरपी)