चीन के बेल्ट रोड प्रोजेक्ट से पिंड छुड़ाएगा ऑस्ट्रेलिया?
१० दिसम्बर २०२०नया कानून ऑस्ट्रेलिया की सरकार को राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए उन समझौतों को रद्द करने की शक्ति देता है जो देश की विभिन्न राज्य सरकारों ने दूसरे देशों के साथ किए. नए कानून के तहत ऑस्ट्रेलिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले विक्टोरिया की सरकार और चीन के बीच हुए महत्वाकांक्षी बेल्ट रोड प्रोजेक्ट समझौते की भी समीक्षा होगी.
विक्टोरिया की डील की तरफ इशारा करते हुए ऑस्ट्रेलिया के वित्त मंत्री जोश फ्राइडेनबर्ग ने कहा, "हम पहले भी इसे लेकर सहमत नहीं थी और अब भी सहमत नहीं हैं. निश्चित तौर पर इसे लेकर फैसला किया जाएगा." नया कानून संघीय सरकार को राज्य सरकार, स्थानीय परिषद और सरकारी विश्वविद्यालयों की तरफ से अन्य देशों के साथ किए जाने वाले समझौतों की समीक्षा और उन्हें रद्द करने का हक देता है.
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ट्रेड वार
ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मेरिसे पायने राज्य सरकारों या सरकारी यूनिवर्सिटियों के विदेशी सरकारों के साथ हुए समझौतों को इस कसौटी पर परख सकती हैं कि वे देश की विदेश नीति के लक्ष्यों के अनुरूप हैं या नहीं. जब अगस्त में इस कानून का प्रस्ताव रखा गया था तो चीनी विदेश मंत्रालय ने इस पर एतराज जताया था और विक्टोरिया के साथ "सफल सहयोग" में बाधा ना पहुंचाने की चेतावनी दी थी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाजो चिलियान ने बीजिंग में कहा था, "ऑस्ट्रेलिया को बेल्ट रोड पहल के तहत दोनों पक्षों के सहयोग को निपक्ष और तार्किक ढंग से देखना चाहिए और सामान्य आदान-प्रदान और सहयोग में कृत्रिम बाधाएं नहीं खड़ी करनी चाहिए."
उसके बाद से दोनों देशों के रिश्ते खराब हुए हैं. पिछले दिनों चीन के अधिकारियों ने कहा कि क्वीन्सलैंड की सरकारी मीट कंपनी मेरामिस्ट ने भी बिना कोई कारण बताए चीन के साथ अपना बिजनेस बंद कर दिया. यह ऑस्ट्रेलिया की छठी मीट निर्यातक कंपनी है जिसने यह कदम उठाया है.
पिछले महीने चीन ने वाइन को भी उन ऑस्ट्रेलियाई उत्पादों में शामिल कर दिया जिनकी पहुंच चीनी बार में प्रतिबंध या सीमित की गई है. चीन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ट्रेड वार शुरू कर रखा है.
क्यों बिगड़े रिश्ते
ऑस्ट्रेलिया की जिन मांगों के चलते चीन के साथ उसके रिश्ते खराब हुए हैं, उनमें कोरोना वायरस के स्रोत की छानबीन के लिए समर्थन भी शामिल है. ऑस्ट्रेलिया कहता है कि दुनिया भर में फैली कोरोना महामारी के सिलसिले में चीन की जवाबदेही तय की जाए. माना जाता है कि चीन के एक मीट मार्केट से दुनिया भर में यह घातक वायरस फैला.
जब ऑस्ट्रेलिया ने छानबीन का समर्थन किया तो चीन ने ऑस्ट्रेलिया से कोयला मंगाना बंद कर दिया या कम कर दिया. सीफूड, चीनी और टिंबर के कारोबार भी लगभग रोक लग गई.
चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच ताजा वाकयुद्ध एक फेक फोटो से शुरू हुआ जो चीन के अधिकारियों ने ट्वीट की थी. इस फोटो में एक ऑस्ट्रेलियाई सैनिक को खून में सना चाकू एक अफगान बच्चे की गर्दन पर ताने दिखाया गया है. ऑस्ट्रेलिया के प्रधाननंत्री स्कॉट मोरिसन ने इस गहरी नाराजगी जताई. इस तस्वीर के जरिए चीनी अधिकारी अफगान संघर्ष में ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों पर लगे मानवाधिकार के हनन और दमन के आरोपों पर निशाना साधना चाहते थे.
एके/ओएसजे (एपी, एएफपी)
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