चीन के रॉकेट मोड़ेंगे क्षुद्रग्रहों का रास्ता
७ जुलाई २०२१दरअसल यह अब मात्र कल्पना नहीं है. 2021 से लेकर 2022 की शुरुआत के बीच अमेरिका धरती के करीब आ रहे दो क्षुद्रग्रहों का रास्ता रोकने के लिए एक रोबोटिक अंतरिक्ष यान लॉन्च करने वाला है. ऐसा करने के एक साल बाद जब यह यान लौटेगा तो यह दोनों क्षुद्रग्रहों में से छोटे वाले पर गिरेगा, ताकि यह देखा जा सके कि वो उस क्षुद्रग्रह के प्रक्षेप पथ को कितना बदल पाया. यह एक खगोलीय पिंड के रास्ते को बदलने की पहली इंसानी कोशिश होगी.
चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष विज्ञान केंद्र में शोधकर्ताओं ने पाया कि 23 'लॉन्ग मार्च 5' रॉकेट अगर एक बड़े क्षुद्रग्रह से एक साथ टकराएं तो उसे उसके मूल रास्ते से धरती के अर्धव्यास के 1.4 गुना दूरी तक मोड़ सकते हैं. उनका यह आकलन बेनु नाम के एक क्षुद्रग्रह पर आधारित है, जो सूर्य के चक्कर लगा रहा है. यह न्यू यॉर्क की एम्पायर स्टेट बिल्डिंग की ऊंचाई जितना इतना चौड़ा है.
क्षुद्रग्रह से टक्कर
इसे ऐसे पिंडों की श्रेणी में डाला गया है जो क्षेत्रीय या महाद्वीपीय नुकसान कर सकते हैं. एक किलोमीटर से ज्यादा चौड़े क्षुद्रग्रहों के वैश्विक परिणाम हो सकते हैं. चीन के अंतरिक्ष केंद्र ने ग्रहों के विज्ञान पर आधारित पत्रिका इकारस में हाल ही में छपे एक अध्ययन का हवाला दिया. बेलफास्ट में क्वींस विश्वविद्यालय के एस्ट्रोफिजिक्स शोध केंद्र के प्रोफेसर एलन फिट्जसिम्मन्स ने कहा, "लॉन्च राकेट के ऊपरी हिस्से को दिशा दिखाने वाले एक अंतरिक्ष यान के साथ रखना और एक क्षुद्रग्रह के रास्ते को मोड़ने के लिए एक विशाल 'काइनेटिक इम्पैक्टर' बना देना एक अच्छा कॉन्सेप्ट है."
फिट्जसिम्मन्स ने समझाया, "क्षुद्रग्रह से टकराने वाले पिंड के वजन को अगर बढ़ा दिया जाए, तो सरल से भौतिक विज्ञान से एक काफी बड़ा असर सुनिश्चित किया जा सकता है." हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के मिशन को असल में करने से पहले काफी विस्तार से अध्ययन कर लेना चाहिए. लंदन के इम्पीरियल कॉलेज के प्रोफेसर गारेथ कॉलिंस ने कहा कि मौजूदा अनुमानों के मुताबिक लगभग एक प्रतिशत संभावना है कि अगले 100 सालों में एक 100 मीटर चौड़ा क्षुद्रग्रह धरती से टकराएगा.
कॉलिंस ने यह भी कहा, "बेनु के आकार की कोई चीज धरती से टकराएगा इसकी संभावना करीब 10 गुना कम है." वैज्ञानिकों का कहना है कि एक क्षुद्रग्रह के रास्ते को मोड़ देने में उसे परमाणु विस्फोटकों से उड़ा देने से कम खतरा है. ऐसा इसलिए क्योंकि विस्फोट करने से हो सकता है कि उसके बस और छोटे टुकड़े हो जाएं लेकिन रास्ता बिलकुल ना बदले.
सीके/एए (रॉयटर्स)