चीन ने तेल, टेलीकॉम क्षेत्रों को और खोलने का किया वादा
२३ दिसम्बर २०१९चीन की आर्थिक वृद्धि दर की गति के धीमे होने के बीच, वहां की कम्युनिस्ट सरकार ने घोषणा की है कि वो अपने तेल, टेलीकॉम और बिजली के क्षेत्रों को निजी कंपनियों के लिए और खोलेगी. कैबिनेट ने यह भी वायदा किया कि वो और भी ज्यादा उद्योगों में निजी कंपनियों के साथ सरकारी कंपनियों के जैसा ही बर्ताव करेगी. हालांकि, विदेशी कंपनियों के साथ कैसा व्यवहार किया जाएगा सरकार के वक्तव्य में इस बारे में कुछ भी कहा नहीं गया.
यह घोषणा हाल में चीन की सरकार द्वारा बाजार को खोलने की दिशा में उठाए गए कई कदमों के सिलसिले का ही एक हिस्सा है. इन कदमों और इनके साथ साथ लागू की गई शुल्क कटौती का उद्देश्य है, आर्थिक वृद्धि को पुनर्जीवित करना, जो पिछली तिमाही में तीन दशक के सबसे निचले स्तर 6 प्रतिशत पर आ गई थी.
यह मंदी ऐसे समय में आई है जब चीन का अमेरिका के साथ उत्पादों पर शुल्क के मुद्दे पर युद्ध चल रहा है.
वक्तव्य में सरकार ने वादा किया कि वो बिजली, टेलीकॉम, रेल, तेल और प्राकृतिक गैस जैसे प्रमुख उद्योगों में बाजार में प्रतिस्पर्धा ले कर आएगी. उसने कहा कि पहली बार निजी कंपनियों को मूलभूत टेलीकॉम सेवाएं देने की और बिजली उत्पादन और वितरण करने की इजाजत दी जाएगी.
घोषणा में स्वामित्व की सीमाओं के बारे में और विदेशी निवेशकों को इजाजत देने के बारे में कुछ नहीं कहा गया है. सिर्फ इतना बताया गया कि एक टाइम टेबल बनाया जा रहा है. चीन ने बिजली से चलने वाली गाड़ियों के उत्पादन में पूरे विदेशी स्वामित्व पर लगे प्रतिबंधों को हटा दिया है और ये कहा कि ये छूट 2021 तक पूरे ऑटो उद्योग को मिलेगी. नियामकों ने भी वादा किया है कि वो बैंक सेवाओं, बीमा और अन्य वित्तीय क्षेत्रों में पूरे विदेशी स्वामित्व की इजाजत देंगे.
23 दिसंबर को ही चीन के वित्त मंत्रालय ने घोषणा की कि एक जनवरी से फ्रोजन पोर्क और अस्थमा व डायबिटीज की दवा जैसे 850 उत्पादों पर शुल्क घटा दिया जाएगा.
आधिकारिक समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य है व्यापार और पर्यावरण के विकास को बढावा देना.
सीके/ओएसजे (एपी)
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