चीन ने सुनीं भारत की चिंताएं
१७ नवम्बर २०१०बीजिंग में हुई मुलाकात में विदेश सचिव निरुपमा राव ने भारतीय दल का नेतृत्व किया और चीनी दल का उप विदेश मंत्री झांग जीझुन ने. दोनों देशों के बीच रणनीतिक बातचीत का यह चौथा दौर था. रणनीतिक बातचीत अगले महीने चीन के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ की भारत यात्रा से पहले दोनों देशों के बीच विस्तार से बातचीत की जमीन तैयार करने के मकसद से की जा रही है. निरुपमा राव से पहले भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने चीन के विदेश मंत्री यांग जाइजी से चीन में मुलाकात कर लंबी बातचीत की थी.
चीनी अधिकारियों से मुलाकात के बाद निरुपमा राव ने पत्रकारों से कहा, "हमने चीन के सामने नत्थी वीजा का मसला उठाया और इसका हल निकालने की मांग की. इस मुद्दे ने भारत की चिंता बढ़ा दी है. यह मुद्दा भारत की संप्रभुता से जुड़ा है और हमारे देश के सभी नागरिकों के एक नजर से देखा जाना चाहिए. हमने अपनी यह बात चीन की सरकार तक पहुंचा दी है."
दोनों देशों की बीच नत्थी वीजा का विवाद उस समय ज्यादा बड़ा हो गया जब चीन की सरकार ने भारतीय सेना के एक बड़े अधिकारी को भी नत्थी वीजा देने की पेशकश कर दी. चीन ने इसके पीछे यह दलील दी कि जनरल बीएस जयसवाल ने उत्तरी कमांड का नेतृत्व किया था और इसी कमांड के दायरे में जम्मू कश्मीर भी आता है. नतीजा यह हुआ कि भात ने चीन के साथ सैन्य सहयोग पर रोक लगा दी.
निरुपमा राव ने बताया कि बाचचीत में चीन और पाकिस्तान के बीच परमाणु सहयोग, पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में चीन की सक्रियता पर भी चर्चा हुई. करीब साढ़े चार घंटे चली बैठक में भारतीय दल ने पाकिस्तान में आतंकवादियों के पनाहगाह पर भी चर्चा हुई. निरुपमा राव के मुताबिक ब्रह्मपुत्र नदी पर एक बड़ा बांध बनाने की चीन की योजना पर भी विस्तार से चर्चा हुई.
निरुपमा राव ने कहा, "चीनी अधिकारियों ने मुझे भरोसा दिलाया कि इस बांध का मकसद पानी की धारा की दिशा को बदलना नहीं है और न ही इससे नदी के निचले हिस्से के आस पास रहने वाले लोगों की जिंदगी पर कोई असर पड़ेगा."
न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप की मंजूरी लिए बिना पाकिस्तान में चीन की मदद से बनने वाले परमाणु रिएक्टरों पर भी भारत ने चिंता जताई. विदेश सचिव राव के मुताबिक, "चीन ने भारत की चिंता को गहराई से समझा है और अब हमें यह देखना है कि वे क्या कदम उठाते हैं."
दोनों देशों के प्रतिनिधियों की बीच इसके अलावा भारत पाकिस्तान के रिश्ते, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का विस्तार और आपसी हितों से जुड़े कई मुद्दों पर बातचीत हुई है. इस दौरान चीनी प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ की भारत यात्रा पर दोनों देशों के बीच संभावित करारों पर भी चर्चा की गई.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः वी कुमार