चीन पर मुद्रा की हेराफेरी करने का आरोप अमेरिका ने वापस लिया
१४ जनवरी २०२०अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने चीन के खिलाफ मुद्रा से छेड़छाड़ करने वाला अपना आरोप वापस ले लिया है. अमेरिका का यह कदम ऐसे समय में आया है जब कुछ ही दिनों में दोनों देशों के शीर्ष अधिकारी एक शुरुआती व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले हैं. इस समझौते से विश्व की इन दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच 18 महीनों से चल रही तनातनी कम होने की उम्मीद है.
काफी देरी से जारी हुई अमेरिका की छमाही मुद्रा रिपोर्ट में चीन पर मुद्रा के साथ हेराफेरी करने का आरोप वापस लिया गया है. अगस्त 2019 में अमेरिकी वित्त मंत्री स्टीवन मेनूचिन ने चीन पर यह आरोप लगाया था. तब अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव चरम पर था.
मेनूचिन ने कहा था कि चीन ने जान बूझकर अपनी मुद्रा युआन का मूल्य कम रखा हुआ है ताकि उसे अनुचित व्यापारिक लाभ मिल सके. इससे कुछ ही घंटे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भी चीन पर मुद्रा की हेराफेरी का आरोप लगाया था.
अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने पिछली बार यह कदम 1994 में उठाया था. किसी देश पर इस तरह का आरोप लगाने के लिए अमेरिका की तीन कसौटियां हैं. चीन ने हाल ही में उनमें से सिर्फ एक को पूरा किया था - अमेरिका के साथ विदेश व्यापार में बड़ा मुनाफा.
अपनी ताजा रिपोर्ट में अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने कहा कि पहले चरण की व्यापार संधि के अनुसार, चीन ने "प्रतियोगी अवमूल्यन से बचने का वादा किया है " और वह विनिमय दर और बाह्य देय राशि पर उपयुक्त जानकारी प्रकाशित करने को तैयार है.
चीन के उप प्रधानमंत्री लिउ हे राष्ट्रपति ट्रंप के साथ संधि पर हस्ताक्षर करने के लिए व्हाइट हाउस में आयोजित एक समारोह के लिए वॉशिंगटन पहुंचे. दोनों देशों की बातचीत से वाकिफ लोगों ने बताया कि वैसे तो मुद्रा की हेराफेरी करने के आरोप से चीन पर कोई सीधा फर्क नहीं पड़ रहा था, लेकिन उसे हटाया जाना चीनी अधिकारियों के प्रति सद्भावना का एक महत्वपूर्ण संकेत है.
अमेरिकी वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी युआन का मूल्य सितंबर में एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 7.18 तक गिर गया था, लेकिन अक्तूबर में वो फिर से उठने लगा और इस समय 6.93 प्रति डॉलर के आस पास था.
रिपोर्ट ने यह भी कहा कि चीन को अपनी मुद्रा के लगातार कमजोर बने रहने से बचाने के लिए और बाजार को और ज्यादा खोलने के लिए निर्णायक कदम उठाने चाहिए, जिससे उसके दीर्घकालिक विकास की संभावनाएं और मजबूत हो सकें.
अमेरिका के कदम पर चीन की तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी. अगस्त में चीन के केंद्रीय बैंक ने युआन को कमजोर करने के लिए हस्तक्षेप करने के आरोपों को खारिज किया था और कहा था कि चीन पर मुद्रा की हेराफेरी करने का अमेरिका का आरोप अंतरराष्ट्रीय नियमों का गंभीर उल्लंघन है.
सीके/एके (रायटर्स)
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