चीन में गूगल सर्विस पर फिर हुआ पंगा
३० जुलाई २०१०पहले गूगल ने बताया कि जिन सुविधाओं के इस्तेमाल में लोगों को दिक्कत महसूस नहीं हो रही है उनमें ईमेल सुविधा जीमेल ही ठीक से काम कर रही है. गूगल इमेजेस और गूगल न्यूज पर आंशिक रोक की खबर है.
लेकिन गुरुवार रात कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा कि यह कंपनी के भीतर हुई कोई तकनीकी खामी भी हो सकती है. बयान में कहा गया, "हम जिस तरह से चीन में एक्सेस को मापते हैं, उसके मुताबिक ऐसा संभव है कि हमारी मशीनों ने ब्लॉकेज को कुछ ज्यादा ही समझ लिया हो."
इस बयान में गूगल ने कहा कि शुरू में थोड़ी ब्लॉकेज महसूस की गई लेकिन अब चीन में यूजर्स सभी सुविधाओं का सही इस्तेमाल कर पा रहे हैं.
इससे पहले कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान जारी किया कि चीन में गुरुवार को गूगल सर्च इंजन और मोबाइल सर्विस बंद रहीं. लेकिन कंपनी स्पष्ट नहीं थी कि यह तकनीकी खामी है या फिर सरकारी रोक.
हालांकि सोशल नेवटर्वकिंग वेबसाइट ट्विटर पर कुछ लोगों ने कहा है कि उन्हें गूगल के इस्तेमाल में कोई परेशानी महसूस नहीं हो रही है. कुछ ही दिन पहले चीन ने कहा कि सेंसरशिप कानूनों का पालन करने पर गूगल ने रजामंदी जाहिर की है जिसके चलते चीन सरकार गूगल कंपनी के चीनी वेबपेज का लाइसेंस की अवधि बढ़ाने पर सहमत हो गई है. लेकिन गूगल का कहना है कि वह सेंसरशिप का पालन नहीं कर रही है.
अब इस खबर के आने के बाद गूगल के शेयर का दाम 1.4 फीसदी गिरा है जबकि चीन में उसकी प्रतिद्वंद्वी कंपनी बाइडू का शेयर 3.5 फीसदी उठा. बाइडू चीन का सबसे बड़ा सर्च इंजन है. इंटरनेट सेंसरशिप के मुद्दे पर चीन और गूगल में इस साल के शुरू में ठन गई थी और दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन कंपनी ने यह कहकर सबको चौंका दिया था कि वह चीन छो़ड़ सकती है. उस समय गूगल ने चीन की मांग को दरकिनार कर स्पष्ट रूप से कह दिया था कि वह सर्च इंजन के परिणामों में सेंसरशिप लागू नहीं करेगी जैसा कि चीन सरकार चाहती है.
लेकिन इस महीने के शुरू में दोनों पक्षों के बीच तनाव में कमी आई जब चीन ने गूगल को एक साल तक चीनी सर्च इंजन चलाने की अनुमति दे दी. गुरुवार तक चीन में आमतौर पर गूगल सर्च इंजन को इस्तेमाल करने में कोई परेशानी नहीं महसूस नहीं हुई.
गूगल कई ऑनलाइन सुविधा मुहैया कराता है लेकिन चीन में उन्हें इस्तेमाल कर पाना कई बार मुश्किल हो जाता है. गूगल कई मौकों पर शिकायत कर चुका है कि उसके सर्च, मोबाइल और न्यूज सर्विस के इस्तेमाल पर आंशिक रूप से रोक लगा दी गई है. गूगल चार महीनों से अपनी सुविधाओं की उपलब्धता के बारे में डाटा देना शुरू किया है और उसके बाद यह पहली बार है जब सर्च इंजन, एड और मोबाइल सुविधाओं पर पूरी तरह रोक लगने की बात सामने आई है.
विश्लेषक मानते हैं कि चीन सरकार और गूगल के बीच अब भी बातचीत चल रही है और इस दौरान सरकार ने शायद गूगल सुविधाओं पर रोक लगा दी हो. चैनल कैपिटल रिसर्च डॉट कॉम के डॉग रॉबर्ट्स ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया, "हमने पहले भी सोचा था कि सहमति के दरवाजे बंद हो गए हैं लेकिन फिर हमें पता चला कि पर्दे के पीछे काफी कुछ चल रहा है. गूगल एक बड़ा संदेश भी देना चाहता था लेकिन चीन जैसे बड़े बाजार को वह खोना भी नहीं चाहता. इस मामले को चीन अमेरिका संबंधों के नजरिए से भी देखे जाने की जरूरत है. लोग इसीलिए चीन की व्यापार नीतियों की आलोचना कर रहे हैं."
मार्च महीने में गूगल ने कहा कि वह चीन सरकार की इच्छा के आगे नहीं झुकेगी और उसने चीनी सर्च इंजन को लगभग बंद कर दिया. गूगल चीन में यूजर्स को हॉगकॉन्ग के रास्ते सर्च इंजन मुहैया करा रहा था क्योंकि वहां सेंसरशिप की बाध्यता नहीं है. जून में गूगल ने इस तरीके पर रोक लगाने की बात कहकर गूगल डॉट सीएन के नाम से एक नया पेज बना दिया जिसका लिंक हॉन्गकॉन्ग की साइट के साथ है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: वी कुमार