1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
समाज

चुनाव को प्रभावित करेंगीं फेसबुक और व्हाट्सऐप की झूठी खबरें

११ अप्रैल २०१९

बीते 30 दिनों में फेसबुक और व्हाट्सऐप पर 50 फीसदी से ज्यादा भारतीयों को झूठी खबरें मिलीं. सर्वे में हिस्सा लेने वाले 96 फीसदी लोगों को व्हाट्सऐप से फेक न्यूज मिली.

https://p.dw.com/p/3GaaW
Symbolbild Facebook und Indien
तस्वीर: picture-alliance/NurPhoto/N. Kachroo

इन दोनों सोशल मीडिया मंचों को यूजर्स तक गलत जानकारी पहुंचाने के लिए प्रयोग किया जा रहा है. ऑनलाइन स्टार्टअप सोशल मीडिया मैटर्स और नई दिल्ली के इंस्टीट्यूट फॉर गवर्नेंस, पॉलिसिज एंड पॉलिटिक्स द्वारा किए गए सर्वे में पाया गया कि 53 फीसदी भारतीयों को विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर आगामी चुनाव से संबंधित गलत सूचनाएं प्राप्त हुईं.

सर्वे में पाया गया, "करीब 62 फीसदी आबादी का मानना है कि लोकसभा चुनाव 2019 फेक न्यूज के प्रसार से प्रभावित होगा." 54 फीसदी सैंपल जनसंख्या में बातचीत करने वाले वर्ग की आयु 18-25 वर्ष है.

सर्वे के मुताबिक, "फेसबुक और व्हाट्सऐप गलत सूचना के प्रसार के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले प्रमुख मंच हैं. सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि 96 फीसदी सैंपल जनसंख्या को व्हाट्सऐप के माध्यम से नकली समाचार प्राप्त हुए हैं."

क्या यह भारत का पहला "व्हाट्सऐप चुनाव" है?

भारत में 11 अप्रैल को पहले चरण में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान शुरू हुआ है. चुनाव में लगभग 9.4 फीसदी पहली बार मतदाताओं की वृद्धि देखी जाएगी, जो नई सरकार के गठन में निर्णायक दर्शक होंगे.

सर्वे में कहा गया, "50 करोड़ मतदाताओं की इंटरनेट तक पहुंच है, इसलिए झूठे समाचारों का चुनावों पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है." सर्वे के मुताबिक, 41 फीसदी लोगों ने फेक न्यूज की पहचान करने के लिए गूगल, फेसबुक और ट्विटर की मदद ली. करीब 54 फीसदी लोगों ने यह जताया है कि वे कभी भी फेक न्यूज से प्रभावित नहीं हुए हैं. वहीं दूसरी ओर 43 फीसदी ऐसे लोग हैं जिनके जानकार फेक न्यूज से गुमराह हुए हैं.

'डोन्टबीएफूल' शीर्षक वाले इस सर्वे में 700 यूजरों को शामिल किया गया, जिसमें 56 फीसदी पुरुष, 43 फीसदी महिलाएं और एक फीसदी ट्रांसजेंडर शामिल हैं.

आईएएनएस