कश्मीरः नेता जेल में, नई पार्टी क्या हासिल करेगी?
९ मार्च २०२०महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी में रह चुके और राज्य का वित्त मंत्री पद संभाल चुके अल्ताफ बुखारी ने नया राजनीति संगठन बनाने का एलान किया है. इस संगठन का नाम "जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी” (जेकेएपी) रखा गया है. इस पार्टी में राज्य और राष्ट्रीय स्तर के 30 अन्य नेता भी शामिल हैं. बुखारी ‘जेके अपनी पार्टी‘ के अध्यक्ष चुने गए हैं उनका कहना है कि पार्टी का एजेंडा जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा बहाल करवाना है. पार्टी के एलान के बाद बुखारी ने पत्रकारों से कहा, "हम पर बहुत सारी जिम्मेदारियां हैं क्योंकि यहां उम्मीदें और चुनौतियां बहुत अधिक हैं. मैं जम्मू और कश्मीर के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि मेरी इच्छाशक्ति मजबूत है.” हालांकि उन्होंने कहा कि राज्य में जल्द चुनाव को लेकर उन्हें कम उम्मीद नजर आती है. इस नई पार्टी में नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, कांग्रेस, बीजेपी समेत अन्य दलों के नेता शामिल है.
जम्मू-कश्मीर के प्रमुख नेता फिलहाल हिरासत में हैं लेकिन राज्य में नई पार्टी के गठन पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. कश्मीर टाइम्स की एडिटर अनुराधा भसीन कहती हैं, "कश्मीर में लोकप्रिय नेतृत्व को खत्म करके और कठपुतली नेताओं का आगे करना का इतिहास पुराना है और यह उसी श्रृंखला की एक कड़ी है. अनुच्छेद 370 के बाद नेताओं को हिरासत में ले लिया गया और यह एक तरह का दिखावटी हथकंडा है. क्योंकि राजनीति गतिविध बंद होने से बीजेपी की काफी आलोचना हुई. इसके लिए वह दुनिया को दिखाने के लिए कॉस्मेटिक सर्जरी कर रही है.”
बुखारी से जब पत्रकारों ने पार्टी के गठन के वक्त पर सवाल किया और पूछा कि कश्मीर के बड़े नेता हिरासत में हैं तो उन्होंने इस सवाल को टालते हुए कहा, "मैं इस तरह की बहस में नहीं पड़ना चाहता हूं.” जबकि जेकेएपी के एक अन्य नेता गुलाम हसन मीर ने कहा है, "हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की तैयारी कर रहे हैं." इसी पर अनुराधा कहती है, "ऐसे समय में जब कुछ भी कहने के लिए मामला दर्ज किया जाता है, गिरफ्तारी की जाती है और तो ऐसे में सरकार की सुविधा के बिना कोई भी दल अस्तित्व में नहीं आ सकता है.”
कश्मीर में वामपंथी नेता यूसुफ तारिगामी ने अनुराधा के रुख का समर्थन करते हुए कहा कि यह स्पष्ट है कि केंद्र सरकार के इशारे पर नई पार्टी की स्थापना की गई है हालांकि इससे कुछ हासिल नहीं होने वाला है. वह कहते हैं, "इसमें केंद्र का समर्थन शामिल है. लेकिन जब सभी राजनीतिक नेता हिरासत में हैं, तो यह पार्टी या केंद्र सरकार क्या करना चाहती है? क्या इससे राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने में मदद मिलेगी? क्या यह पिछले कई महीनों से कश्मीर में राजनीतिक खालीपन भरने में मदद करेगा? मुझे लगता है कि ये उपाय बेकार हैं."
60 वर्षीय अल्ताफ बुखारी, सोपोर जिले के रहने वाले हैं, जिन्हें पीडीपी ने पिछले साल निकाल दिया था. जेकेएपी में अन्य प्रमुख नेता में पूर्व मंत्री गुलाम हसन मीर हैं, जो पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस में थे. केंद्र सरकार ने पिछले साल 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 खत्म करते हुए जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस ले लिया था. इसके साथ ही जम्मू और कश्मीर का राज्य का दर्जा खत्म कर उसे दो अलग अलग केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था. राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्री अब भी सख्त आरोपों के तहत हिरासत में रखे गए हैं.
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