जर्मन अर्थव्यवस्था में 6 प्रतिशत कमी का अंदेशा
२९ अप्रैल २००९उम्मीद की जा रही है कि 2010 तक हालात कुछ बेहतर हो जाएंगे, हालांकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का मानना है कि मंदी का यह बुरा दौर पूरे 2010 तक कायम रहेगा. जर्मनी के आर्थिक मामलों के मंत्री कार्ल थिओडर त्सू गुटेनबर्ग जर्मनी के निर्यात में आई कमी को इस गिरावट के लिए ज़िम्मेदार मानते हैं. ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक इस साल फ़रवरी में ही जर्मनी के निर्यात में 23 प्रतिशत गिरावट आई. आर्थिक मंदी की वजह से ख़रीददार देशों की क्षमता पर असर पड़ा है. इसी वजह से निर्यात पर नकरात्मक असर पड़ता है.
गिरावट से उबरने के लिए किसी नए आर्थिक पैकेज की घोषणा की संभावना से गुटेनबर्ग ने इनकार कर दिया है. इससे पहले जर्मनी मंदी से उबरने के लिए 81 अरब यूरो के दो आर्थिक पैकेज जारी कर चुका है. गुटेनबर्ग ने कहा कि ये दोनों पैकेज पहले से ही अपना काम कर रहे हैं. तीसरा पैकेज जारी करने से बेवजह निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ेगी. इन पूर्वानुमानों के चलते ज्रर्मन सरकार को बेरोज़गारी बढ़ने का भी डर है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़ अगले साल तक जर्मनी में बेरोज़गारों की संख्या में 90,000 का इज़ाफ़ा हो सकता है. यह वृद्धि चांसलर एंगेला मैर्केल के लिए ख़तरे की घंटी साबित हो सकती है, क्योंकि सितंबर में ही संसद के चुनाव होने जा रहे है.
मार्केट रिसर्च संस्था जीएफ़के के सर्वे के मुताबिक़ जर्मनी में उपभोक्ताओं का विश्वास ज्यों का त्यों बना हुआ है और यह मंदी से जूझने में एक कारगर हथियार साबित हो सकता है. सर्वे में 2,000 लोगों को शामिल किया गया और उनसे अर्थव्यवस्था पर उनकी राय पूछी गई. साथ ही यह भी पूछा गया कि मंदी से उनकी खरीद फ़रोख्त की मुख्य योजनाओं पर क्या असर पड़ा है. लेकिन उपभोक्ताओं की इस आशावादिता के बावजूद सरकार निजी उपभोग, संस्थागत निवेश और रियल स्टेट व्यवसायों में गिरावट की चेतावनी दे रही है.
रिपोर्ट - रअ / ए एफ़ पी/ डी पी ए
संपादन - उज्जवल भट्टाचार्य