जर्मन फ्लर्ट क्यों नहीं करते
१० अप्रैल २०१३सुनियोजित, व्यवस्थित होना जर्मनों की सबसे बड़ी खूबी है. इसलिए वो जब फ्रांसीसी और इतालवी लोगों को बिना किसी परेशानी के फ्लर्ट करते देखते हैं तो सोचते हैं वह यह हुनर कहां से लाएं. इसके लिए वो सबसे पहले डिक्शनरी खोलते हैं और उसमें देखते हैं फ्लर्ट शब्द का मतलब, कि ये शब्द आया कहां से. इस बारे में कम ही लोग जानते हैं. इसका मूल फ्रेंच भाषा से आया है. कोंटर फ्लोरेट यानी फूलों जैसे शब्द बोलकर मन मोह लेना यानी मीठी बोली बोलना.
मुश्किल यह है कि ये भाषा आम जर्मन के मुंह से कभी नहीं निकलती. नई डिक्शनरी कहती है कि फ्लर्टिंग जो है वह सामाजिक और कई बार शारीरिक संबंधों से जुड़ी गतिविधि है जिसमें लिखने और बोलने दोनों में मिठास चाहिए और तो और ये संदेश शारीरिक हाव भाव के जरिए भी सामने वाले व्यक्ति तक पहुंचने चाहिए. जो बताता है कि एक व्यक्ति दूसरे से गहरा रिश्ता बनाना चाहता है. ये काम तो एक सामान्य जर्मन कर सकता है.
दुख की बात यह है कि हम बहुत संवेदनशील नहीं हैं. जर्मनी का लोकगीत कहता है जब कुएं में पानी लबालब भरा तो उसे पीना ही होगा. अगर आप अपनी दिलरुबा को खुले आम आवाज नहीं दे सकते तो हाथ हिला कर उसे हैलो करो. उसे आंख मार सकते हैं, पैर पर पैर रखो या फिर पार्लर में उसे अपनी बाहों में ले लो और यह परिभाषा में भी फिट होती है. फ्लर्टिंग में सामाजिक और कभी कभी शारीरिक संबंध जुड़ा होता है. भले ही उसका मतलब है आंखे झपकाना.
सभी जर्मन द सॉन्ग ऑफ नीबलुंग्स नाम के महाकाव्य के बारे में जानते हैं जिसमें खूबसूरत और अदृश्य ब्रुनहिल्ड, उसके साथी गुंथर और ड्रैगन स्लैयर सीगफ्रीड की कहानी है. गुंथर ब्रुनहिल्ड से प्यार करता है लेकिन वह शादी की रात उसे एक खील पर टांग देती है फिर ड्रैगन सीगफ्रीड उसे बचाने आता है और ब्रुनहिल्ड को हरा देता है और गुंथर को वहीं छोड़ जाता है. फिर ब्रुनहिल्ड पति के साथ संबंध तो बना लेती है लेकिन उसके कौमार्य के साथ ही उसकी सारी जादुई शक्तियां भी खत्म हो जाती हैं.
ऐसी ही कुछ स्थिति जर्मन लोगों की फ्लर्टिंग की आदत पर है. जो आपको पसंद है, उसे थोड़ा पटाओ, जब तक वह हार नहीं मान लेती. जर्मनों को हल्की सी शरारत, थोड़ा रोमांस, शर्म और आंखों आंखों में मुहब्बत का कोई मतलब नहीं होता. जर्मन पुरुष ऐसा नहीं कर सकते.
राजा महाराजाओं के जमाने में औरतों को पता था कि सिर्फ आंखों के वार से किसी पुरुष को कैसे बस में करना. उन्हें लुभाना आता है. अगर किसी तरह जर्मन ब्रुनहिल्ड की कहानी अपने दिमाग और जीन्स से निकाल दें तो जर्मनी में भी फ्लर्टिंग फलने फूलने लगेगी.
कॉलमः पीटर जोडेइक/एएम
संपादनः एन रंजन