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जर्मन-रूस संबंधों पर फिर जासूसी का साया

२५ फ़रवरी २०२१

जर्मनी के संघीय वकीलों ने रूस के लिए जासूसी के आरोप में संसद के लिए काम करने वाली एक कंपनी के कर्मचारी पर मुकदमा दायर किया है. उस पर जर्मन संसद बुंटेसटाग की इमारतों का फ्लोर प्लान रूसी खुफिया एजेंसी को देने का आरोप है.

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Deutschland Bundestag
तस्वीर: Gregor Bauernfeind/dpa/picture alliance

जर्मन संसद बुंडेसटाग के लिए काम करने वाली एक कंपनी के कर्मचारी ने संदिग्ध तौर पर संसद का फ्लोर प्लान बर्लिन में रूसी दूतावास में काम करने वाले एक खुफिया एजेंट को दिया. संघीय अभियोक्ता कार्यालय ने अभियुक्त का नाम येंस एप बताया है. वह संसद भवन में लगे इलेक्ट्रिक डिवाइस के निरीक्षण का काम करता था. इसकी वजह से वह संसद के फ्लोर प्लान की पीडीएफ फाइल देख सकता था. अभियोक्ता कार्यालय ने एक बयान में कहा है कि उसने फीडीएफ फाइल की कॉपी रूसी दूतावास में काम करने वाले एक कर्चारी को दी जो रूस की सैनिक खुफिया सेवा जीआरयू के लिए काम करता है.

जुलाई 2017 से सितंबर 2017 के बीच अभियुक्त ने अपनी पहल पर जर्मन बुंडेसटाग की इमारतों के बारे में जानकारी रूसी खुफिया सेवा को देने का फैसला किया. येंस एफ की राज्य के खिलाफ जासूसी के अपराध के लिए बर्लिन की एक विशेष अदालत में पेशी होगी. अभियोक्ता कार्यालय के एक प्रवक्ता के अनुसार 55 वर्षीय संदिग्ध को गिरफ्तार नहीं किया गया है क्योंकि उसके भागने का खतरा नहीं है. संदिग्ध पर बर्लिन की अदालत में मुकदमा चलेगा.

Berlin Deutscher Bundestag
जर्मन संसद में सफाईतस्वीर: Christoph Hardt/Geisler/picture alliance

जासूसी के कारण तनाव

यह केस भी उन बहुत सारे मामलों की सूची में शामिल हो गया है जिसकी वजह से जर्मनी और रूस के संबंधों में तनाव है. 2015 में एक साइबर अटैक में बुंडेसटाग के आईटी नेटवर्क की हैकिंग हुई थी. इसके दौरान सांसदों के ईमेल को भी हैक किया गया था. जर्मनी ने इसके लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया था. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल के दफ्तर को भी इस साइबर हमले में निशाना बनाया गया था. चांसलर मैर्केल ने पिछले साल संसद में दिए गए एक बयान में इसे वीभत्स व्यवहार बताया था और ठोस सबूतों की बात करते हुए रूस पर हाइब्रिड युद्ध का आरोप लगाया था.

इसके कुछ महीने बाद यूरोपीय संघ ने इस हमले के लिए रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाए थे और सैन्य खुफिया एजेंसी की यूनिट 26165 को निशाना बनाया था. इसे फैंसी बीयर के नाम से भी जाना जाता है. फैंसी बीयर के बारे में कहा जाता है कि वह लक्षित सिस्टमों तक पहुंचने के लिए कई तरह के बैकडोर पैकेज का इस्तेमाल करता है. रूसी कंप्यूटर सुरक्षा कंपनी कास्पैर्स्की के अनुसार ये हैकिंग ग्रुप 2008 से सक्रिय है और मुख्य रूप से नाटो के सदस्य देशों और यूक्रेन में सैनिक और सरकारी संस्थानों को निशाना बनाता है.

Russland | Deutschland | Handschlag Merkel und Putin
मैर्केल और पुतिन, रिश्तों में तल्खीतस्वीर: picture-alliance/AP Images/P. Golovkin

नावाल्नी का मामला भी

जर्मन राजधानी बर्लिन के टियरगार्डन में हुए हत्याकांड और विपक्षी नेता अलेक्सी नावाल्नी का मामला भी दोनों देशों के संबंधों में समस्या है. अगस्त 2019 में बर्लिन में जॉर्जिया के एक नागरिक की हत्या कर दी गई थी. चेचन युद्ध के दौरान वह रूस के खिलाफ लड़ा था. संघीय अभियोक्ता कार्यालय ने एक रूसी पर रूस की सरकार के निर्देश पर उसकी हत्या करने का आरोप लगाया है. विपक्षी एक्टिविस्ट नावाल्नी को पिछले साल जहर दिया गया गया था, जिसके बाद उनका बर्लिन में इलाज किया गया था. देश वापसी के बाद उन्हें जमानत के नियमों के उल्लंघन के आरोप में सजा सुनाई गई है.

रूस ने जासूसी के ताजा आरोपों पर रूसी संसद डूमा के विदेशनीति समिति के प्रमुख लियोनिद स्लूत्स्की ने प्रतिक्रिया दी है और कहा है, "पकड़े गए रूसी जासूसों के बारे में ऐसी खबरें रूस विरोधी प्रचार अभियान को हवा देती है ताकि मास्को के आक्रामक होने के मिथक को समर्थन दिया जा सके." स्लूत्स्की ने ये भी सवाल किया है कि ये मामला अब सामने क्यों आया है, 2017 में ही क्यों नहीं आया.

एमजे/आईबी (डीपीए, एएफपी)

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