जर्मनी और अमेरिका में हमलों का खतरा
७ नवम्बर २०१०डे मेजियेर ज्यादातर सुरक्षा चिंताओं को कम करके बताते हैं लेकिन शनिवार को जर्मन अखबार बिल्ड आम जोनटाग में उन्होंने कहा, "अमेरिका और यूरोप में आतंकवादी हमलों के संकेत हैं जिन्हें गंभीरता से लेना होगा. कुछ घटनाओं की वजह से मैं सार्वजनिक रूप से अपनी चिंताएं व्यक्त कर रहा हूं."
पिछले हफ्ते जर्मनी और ब्रिटेन के रास्ते यमन से पार्सल बम अमेरिका भेजने की कोशिश की जा रही थी. मेजियेर ने इस घटना को याद करते हुए कहा कि यह हमला करने की बड़ी कोशिश है. ग्रीस में आंतकियों ने एथेंस में दूतावासों को और जर्मन चांसलर को भी पार्सल में बम भेजे थे. पिछले महीने अमेरिका और ब्रिटेन ने फ्रांस और जर्मनी जा रहे यात्रियों को आतंकवादी हमलों के संकेत से आगाह कराया था. उस वक्त मेजियेर ने ठोस संकेतों की बात नहीं की थी. हालांकि उन्होंने कहा था कि खतरा हो सकता है.
खतरों के मद्देनजर अब डे मेजियेर यूरोपीय संघ देशों को एक आपातकालीन योजना पेश करेंगे जिसमें यूरोप आने वाले मालवाहनों पर नजर रखी जा सकेगी. उन्होंने कहा कि सोमवार को ईयू देशों के आतंरिक मंत्री इस मुद्दे पर बहस करेंगे. डे मेजियेर के प्रस्ताव के मुताबिक मालवाहनों में सामान की जांच के लिए चेकलिस्ट बनानी होगी ताकि संदिग्ध चीजों पर नजर आसानी से पड़ सके. यूरोपीय संघ में हवाई अड्डों में सुरक्षा की जांच होगी और असुरक्षित देशों से आ रहे माल की भी जांच की जाएगी.
जर्मन पत्रिका डेयर श्पीगेल ने लिखा कि जर्मनी उन हवाई अड्डों की भी एक सूची बनाने वाला है जिनसे सुरक्षा को खतरा हो सकता है.
जर्मन सरकार का मानना है कि जर्मनी आतंकियों के लिए एक संभव निशाना हो सकता है. इसकी वजह यह है कि जर्मनी ने अफगानिस्तान में 4,500 सैनिक तैनात किए हैं. अब तक जर्मनी में कोई भी गंभीर आतंकवादी हमलें नहीं हुआ है. हालांकि 2001 सितंबर में अमेरिका में हमलों में जिम्मेदार कुछ लोगों ने जर्मनी में पढ़ाई की थी.
रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी
संपादनः वी कुमार